कांग्रेस में मान-मनोवल जारी, इस्तीफे पर अड़े राहुल, शीला और कई अन्य नेताओं ने फैसला बदलने का आग्रह किया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 29, 2019 07:30 PM2019-05-29T19:30:09+5:302019-05-29T19:30:09+5:30
शीला के करीबी एक विश्वस्थ सूत्र ने बताया कि शीला ने गांधी के सहयोगी के. राजू से मुलाकात की और उनके माध्यम से कांग्रेस अध्यक्ष तक यह संदेश पहुंचाया कि उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए और अगर वह पद छोड़ते हैं तो पार्टी कार्यकर्ताओं को बहुत तकलीफ होगी।
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को राजी नहीं हो रहे हैं।
हालांकि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) की अध्यक्ष शीला दीक्षित और पार्टी के कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने उनसे अपने फैसला बदलकर पार्टी का नेतृत्व जारी रखने का आग्रह किया है। डीपीसीसी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गांधी के आवास पर प्रदर्शन किया और राहुल गांधी के पक्ष में नारेबाजी की।
शीला इस दौरान गांधी के आवास के भीतर भी गईं । हालांकि सूत्रों का कहना है कि उनकी मुलाकात राहुल गांधी से नहीं हो सकी क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष इन दिनों नेताओं से मुलाकात नहीं कर रहे हैं। शीला के करीबी एक विश्वस्थ सूत्र ने बताया कि शीला ने गांधी के सहयोगी के. राजू से मुलाकात की और उनके माध्यम से कांग्रेस अध्यक्ष तक यह संदेश पहुंचाया कि उन्हें इस्तीफा नहीं देना चाहिए और अगर वह पद छोड़ते हैं तो पार्टी कार्यकर्ताओं को बहुत तकलीफ होगी।
डीपीसीसी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश लिलोठिया ने कहा, ''सभी कार्यकर्ता चाहते हैं कि राहुल अपने फैसले को वापस लें। वैसे उनका जो भी फैसला होगा, वो हमें स्वीकार होगा।'' पूर्व मुक्केबाज और दक्षिणी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार रहे विजेंद्र सिंह ने कहा, ''हम राहुल जी से यही आग्रह करने आएं हैं कि उन्होंने बहुत मेहनत की है और उन्हें अध्यक्ष पद पर बने रहना चाहिए।"
उन्होंने कहा, ''चुनाव में हम लड़े, हम सफल नहीं हुए। आगे हमें संघर्ष करना है।" प्रदर्शन में शामिल हुए कार्यकर्ताओं ने "राहुल गांधी जिंदाबाद" और ''राहुल जी आप संघर्ष करो, हम आपके साथ हैं'' के नारे लगाए। गौरतलब है कि 25 मई को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी, हालांकि सीडब्ल्यूसी ने उनकी पेशकश को खारिज किया और उन्हें संगठन में सभी स्तर पर आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने बुधवार को पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से कहा कि लोगों को कांग्रेस पार्टी से जोड़ने के लिये राज्यव्यापी 'जनसंपर्क कार्यक्रम' शुरू करने को कहा है। पायलट ने कहा कि पार्टी ने लोकसभा चुनाव में हार को स्वीकार किया है लेकिन यह पहला और अंतिम चुनाव नहीं है।
पायलट ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हम हार को स्वीकार करते हैं और मतदाताओं ने जो निर्णय लिया उसे विनम्रता से स्वीकार करते हैं। आने वाले समय में संगठन को दोबारा मजबूत कर जनता में जायेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सभी सदस्यों को कहा कि तुरंत प्रभाव से हमलोग एक 'जनसंपर्क कार्यक्रम' चालू करें, गांवों में, ढाणियों में, शहर कस्बों में तुरंत प्रभाव से चले जायें।
यह पहला चुनाव नहीं है और यह आखिरी चुनाव भी नहीं है। इसलिये हमलोग जनता के बीच पुन: जायेंगे और उनका दोबारा मन जीतेंगे । उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार हमारी है जनता की सभी आंकाक्षाओं को हम पूरा करेंगे और प्रत्येक कांग्रेस जन अपने क्षेत्रों में निकल कर लोगों से संवाद कायम करेगा और आने वाले समय के लिये लोगों को कांग्रेस की तरफ प्रेरित करने का काम करेगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के त्यागपत्र को स्वीकार नहीं करने के सीडब्ल्यूसी के प्रस्ताव को समर्थन देने के लिये एक प्रस्ताव पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि हम सभी ने पार्टी अध्यक्ष से अपने पद पर बने रहने का आग्रह किया है और उन्हें संगठन में किसी भी प्रकार के बदलाव के लिये अधिकृत किया है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी की यह पहली बैठक थी। पिछले वर्ष दिसम्बर में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस की राज्य की सभी 25 लोकसभा सीटों पर हार हुई है। राजस्थान में 25 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 24 सीटों पर और एक सीट पर भाजपा के गठबंधन राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने जीत दर्ज की है।