मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अभय दुबे ने जारी एक बयान में बताया कि कांग्रेस पार्टी मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान में मिलावटखोरों के सरपरस्त शिवराजसिंह चौहान का साथ नहीं चाहती. उन्होंने कहा कि चौहान ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में मिलावटखोरी के खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाया, अब वे मिलावटखोरों के खिलाफ सजा देने की बात कर केवल स्वांग रच रहे हैं.
दुबे ने कहा कि 15 वर्षो में भाजपा सरकार ने प्रदेश को मिलावटखोरों का गढ़ बना दिया था. आज जिस खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, उसे लागू नहीं होने देने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को एक पत्र भी लिखा था और तीन दिन तक पूरे मध्यप्रदेश में भ्रम फैलाकर हड़ताल भी करायी थी.
इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट में भी झूठा एफीडेविट देकर तत्कालीन भाजपा सरकार ने कहा था कि वह मिलावटखोरी के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 272 को संशोधित कर मिलावटखोरी के खिलाफ उम्रकैद की सजा का प्रावधान करेगी.
उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों की जांच के लिए 13 वर्षों तक शिवराजसिंह चौहान के कार्यकाल में सिर्फ एक ही लेबोरेटरी थी, वह भी केवल भोपाल में. जिसकी वजह से 2016 से 2018 के बीच 13 हजार खाद्य पदार्थ के नमूनों का परीक्षण ही नहीं हो पाया.
मगर शिवराज सिंह ने अपनी सरकार रहते कभी मिलावटखोरी के खिलाफ कोई बड़ा कदम नहीं उठाया और आज मिलावटखोरों के खिलाफ खड़े होने का स्वांग रच रहे हैं. दुबे ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने पूरी दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई की है.