सीबीआई, ईडी निदेशकों के कार्यकाल बढ़ाने के लिए अध्यादेश पर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा

By भाषा | Updated: November 14, 2021 22:42 IST2021-11-14T22:42:48+5:302021-11-14T22:42:48+5:30

Congress targets government over ordinance to extend tenure of CBI, ED directors | सीबीआई, ईडी निदेशकों के कार्यकाल बढ़ाने के लिए अध्यादेश पर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा

सीबीआई, ईडी निदेशकों के कार्यकाल बढ़ाने के लिए अध्यादेश पर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा

नयी दिल्ली, 14 नवंबर कांग्रेस ने रविवार को केंद्र सरकार पर उन अध्यादेशों को जारी करने के लिए निशाना साधा, जिनके माध्यम से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों के कार्यकाल को अब अधिकतम पांच साल तक का किया जा सकता है। विपक्षी दल ने कहा कि सरकार ने दोनों एजेंसियों का इस्तेमाल अपने ‘हेंचमेन’ (गुर्गों) की तरह किया है जिन्हें अब सम्मानित किया जा रहा है।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों का कार्यकाल मौजूदा दो वर्ष की जगह अधिकतम पांच साल तक हो सकता है। सरकार ने रविवार को इस संबंध में दो अध्यादेश जारी किये।

विनीत नारायण के प्रसिद्ध मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के मद्देनजर फिलहाल सीबीआई और ईडी के निदेशकों की नियुक्ति की तारीख से उनका दो साल का निश्चित कार्यकाल होता है।

इस घटनाक्रम पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ‘अधिकारों को हड़पने तथा चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने के लिए हेंचमेन’ की तरह ईडी-सीबीआई का इस्तेमाल करती हैं।

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं पर ईडी और सीबीआई के छापे रोजाना की बात बन गयी है।

सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘अब इन हेंचमेन को पांच साल के कार्यकाल के साथ सम्मानित किया जा रहा है, ताकि विरोध के स्वरों को दबाने के लिए दुर्भावनापूर्ण अभियोजन का इस्तेमाल किया जाए।’’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘‘मोदी सरकार में ईडी-सीबीआई की सही व्याख्या है: ईडी - इलेक्शन डिपार्टमेंट। सीबीआई- कंप्रोमाइज्ड ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन।’’

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘स्वाभाविक है कि सेवानिवृत्त अधिकारियों को पहले बार-बार सेवा विस्तार दिया जा रहा था। अब सीधे पांच साल का कार्यकाल कर दिया गया है।’’

कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, ‘‘राजग-भाजपा सरकार द्वारा जारी दोनों अध्यादेश जैन हवाला फैसले की भावना के खिलाफ हैं, जिसमें सीबीआई और ईडी निदेशक को स्थायी कार्यकाल दिया गया था ताकि वे राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त रहें।’’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘पहला प्रश्न: कार्यकाल दो से बढ़ाकर पांच साल क्यों किया गया? क्या देश में सक्षम अधिकारी नहीं बचे। दूसरा प्रश्न: इन संवेदनशील पदों पर रहने वाले लोगों को सालाना सेवा विस्तार का प्रलोभन देकर राजग-भाजपा सरकार इन दोनों संस्थानों की थोड़ी बहुत बची संस्थागत पवित्रता को नष्ट करना चाहती है। संदेश साफ है कि विपक्ष को खदेड़ो और सेवा विस्तार पाओ।’’

तिवारी ने कहा, ‘‘संसद सत्र 29 नवंबर से शुरू होने की संभावना है। ऐसे में इन अध्यादेशों को लाने की इतनी क्या हड़बडी है।’’

पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, ‘‘अध्यादेश राज, मोदी सरकार का पसंदीदा रास्ता। संसद सत्र शुरू होने से 14 दिन पहले संसदीय परीक्षण की प्रक्रिया को नजरअंदाज करना।’’

केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) अध्यादेश को 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी और मौजूदा प्रवर्तन निदेशालय प्रमुख एस के मिश्रा की सेवानिवृत्ति से महज तीन दिन पहले जारी किया गया है।

सरकार ने उनका दो साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद 2020 में एक और सेवा विस्तार दिया था।

इस मामले में इस साल उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई जिसने सेवा विस्तार को रद्द नहीं किया, लेकिन सरकार से मिश्रा को 17 नवंबर के बाद और सेवा विस्तार नहीं देने को कहा।

हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि अध्यादेश लागू होने के बाद देखना होगा कि मिश्रा ईडी प्रमुख के रूप में काम करते रहेंगे या नहीं।

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Web Title: Congress targets government over ordinance to extend tenure of CBI, ED directors

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