"कांग्रेस को राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में 'राजनीतिक फैसले' से बचना चाहिए था", गुजरात कांग्रेस के पूर्व गुजरात प्रमुख अर्जुन मोढवाडिया ने कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 11, 2024 07:30 AM2024-01-11T07:30:55+5:302024-01-11T07:35:04+5:30
कांग्रेस द्वारा अयोध्या में 22 जनवरी को हो रहे राम मंदिर के उद्घाटन के निमंत्रण को अस्वीकार करने के बाद पार्टी में खासा बलाव मचा हुआ है।
नई दिल्ली: कांग्रेस द्वारा अयोध्या में 22 जनवरी को हो रहे राम मंदिर के उद्घाटन के निमंत्रण को अस्वीकार करने के बाद पार्टी में खासा बलाव मचा हुआ है। पार्टी हाईकमान के फैसले पर नाराजगी जताते हुए गुजरात कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अर्जुन मोढवाडिया ने बीते बुधवार को सरेआम आलाकमान के फैसले पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी को ऐसे 'राजनीतिक फैसले' लेने से बचना चाहिए था।
कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने अयोध्या कार्यक्रम में शामिल न होने के पार्टी के फैसले पर असहमति जताने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स का सहारा लिया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से बीते बुधवार को किये पोस्ट में कहा, "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए।"
मोढवाडिया ने अपने पोस्ट में कहा, “भगवान राम पूजा के देवता हैं। यह देश के लोगों के लिए आस्था और विश्वास का विषय है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था।”
मालूम हो कि इससे पहले दिन में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम के 'प्राण पतिष्ठा' के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था। कांग्रेस ने निमंत्रण अस्वीकार करते हुए उसे 'बीजेपी-आरएसएस इवेंट' का बचाया था।
इससे पहले बुधवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक प्रेस बयान जारी करके बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है।
जयराम रमेश ने कहा, “पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को इसमें भाग लेने के लिए निमंत्रण मिला था। लेकिन वे सभी उस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।"
उन्होंने कहा, “हमारे देश में लाखों लोग भगवान राम की पूजा करते हैं। धर्म एक निजी मामला है लेकिन आरएसएस और बीजेपी ने लंबे समय से अयोध्या में मंदिर का राजनीतिक प्रोजेक्ट बनाया है। भाजपा और आरएसएस के नेताओं द्वारा अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया गया है।"