लोकसभा में बोले कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी- "भगवाकरण भारत छोड़ो"
By मनाली रस्तोगी | Updated: August 10, 2023 15:46 IST2023-08-10T15:45:20+5:302023-08-10T15:46:16+5:30
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बुधवार को लोकसभा में उनके 'भारत छोड़ो' आह्वान पर जवाब दिया।

File Photo
नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बुधवार को लोकसभा में उनके 'भारत छोड़ो' आह्वान पर जवाब दिया। चौधरी ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा, "भारत छोड़ो होना ही चाहिए- भारत को सांप्रदायिकरण से छोड़ो, ध्रुवीकरण भारत को छोड़ो, भगवाकरण भारत को छोड़ो।"
चौधरी ने सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्धारित संबोधन का जिक्र करते हुए कहा, "अविश्वास प्रस्ताव की ताकत आज प्रधानमंत्री को संसद में ले आई है। हममें से कोई भी इस अविश्वास प्रस्ताव के बारे में नहीं सोच रहा था। हम तो यही मांग कर रहे थे कि पीएम मोदी संसद में आएं और मणिपुर मुद्दे पर बोलें। हम किसी बीजेपी सदस्य को संसद में आने की मांग नहीं कर रहे थे, हम सिर्फ अपने पीएम को आने की मांग कर रहे थे।"
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "जब धृतराष्ट्र अंधे थे, तब द्रौपदी का वस्त्र हरण हुआ था, आज भी आजा अंधे बैठे हैं...मणिपुर और हस्तिनापुर में कोई फर्क नहीं है।" केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, "प्रधानमंत्री पर बेबुनियाद आरोप स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसे खत्म किया जाना चाहिए और उन्हें माफी मांगनी चाहिए।"
Parliamentary Affairs Minister Pralhad Joshi says "... Prime Minister is a high authority. This should be expunged and he should apologise" pic.twitter.com/j9f0L7cu61
— ANI (@ANI) August 10, 2023
बाद में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि चौधरी की टिप्पणी को रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। वहीं, अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "मणिपुर का मुद्दा किसी राज्य तक सीमित नहीं रह सकता क्योंकि यह पहले ही वैश्विक रूप ले चुका है। इसीलिए प्रधानमंत्री का हस्तक्षेप अपरिहार्य है; यही हमारा तर्क था।" 3 मई को भड़की हिंसा के बाद से मणिपुर लगातार खतरे में है।
मैतेई और कुकी जनजातियों के बीच जातीय संघर्ष में अब तक 152 लोगों की जान जा चुकी है जबकि हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। 20 जुलाई को मानसून सत्र की शुरुआत के बाद से संसद में मणिपुर में हिंसा सहित कई मुद्दों पर गतिरोध देखा जा रहा है।