कांग्रेस की दो टूक, मोदी के मंत्री फाइलों पर हस्ताक्षर करेगें तो नापेंगे जेल का रास्ता?

By शीलेष शर्मा | Published: September 20, 2019 06:39 PM2019-09-20T18:39:11+5:302019-09-20T18:39:11+5:30

कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को जेल भेजे जाने को लेकर मोदी सरकार की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि चिदंबरम और कांग्रेस पार्टी का चरित्र हनन किया जा रहा है।

congress leader jairam ramesh says if any modi govt ministers signature on file may go to jail | कांग्रेस की दो टूक, मोदी के मंत्री फाइलों पर हस्ताक्षर करेगें तो नापेंगे जेल का रास्ता?

कांग्रेस की दो टूक, मोदी के मंत्री फाइलों पर हस्ताक्षर करेगें तो नापेंगे जेल का रास्ता?

कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रियों को इशारों ही इशारों में यह संकेत दिया कि फाइल पर हस्ताक्षर करने से पहले सोच लें कि इसका रास्ता जेल की ओर जाता है. पार्टी के नेता जयराम रमेश ने पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को जेल भेजे जाने को लेकर मोदी सरकार की तीखी आलोचना की और कहा कि यह विशुद्ध रूप से बदले की भावना से की गई कार्रवाई है तथा एक षडयंत्र के तहत चिदंबरम और कांग्रेस पार्टी का चरित्र हनन किया जा रहा है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री का मानना था कि मोदी सरकार ने जो कदम उठाया है उसके बाद अब कोई मंत्री फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करेगा क्योंकि इसका रास्ता मोदी सरकार ने जेल की ओर तय कर दिया है.

अपने तर्क को पुष्ट करते हुए जयराम ने कहा कि जांच एजेंसियों ने किसी उस अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की जिन्होंने फाइल पर हस्ताक्षर किये थे. तथ्यों का हवाला देते हुए जयराम ने कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम ने 28 अगस्त 2007 को हस्ताक्षर किए थे जिस फाइल पर उन्होंने हस्ताक्षर किये वहां 11 अन्य हस्ताक्षर भी थे. यह हस्ताक्षर उन अधिकारियों के थे जिन्होंने आईएनएक्स मीडिया सहित 23 अन्य मामलों को स्वीकृत किया था. लेकिन जांच एजेंसियों ने यह क्यों नहीं कहा कि अफसरों ने कोई गलती की है.

गौरतलब है कि एफआईपीबी का गठन 1991 में किया गया था, किसी भी एफआईडी की सबसे पहले समीक्षा करना एफआईपीबी का दायित्व था जिसमें भारत सरकार के छह सचिव, अपनी समीक्षा के बाद अपनी सिफारिश को वित्त मंत्रालय को भेजते है. जहां पुन: इस समीक्षा के बाद अधिकारियों के हस्ताक्षर करने पर जिसमें वित्त सचिव भी शामिल है अंतिम हस्ताक्षर के लिए वित्तमंत्री के पास जाती है.

 सरकार का कोई भी मंत्री अधिकारियों की अनुशंसा के आधार पर उसे स्वीकृत करने या अस्वीकृत करने का फैसला लेता है लेकिन मोदी सरकार ने जो नया प्रचलन शुरु किया है जिसमें मंत्री के हस्ताक्षर  करने पर उसे जेल भेजा गया यह इस दिशा की ओर संकेत दे रहा है कि कोई मंत्री फाइलों पर हस्ताक्षर नही करेगा क्योंकि जो करेगा उसे जेल जाना होगा.

Web Title: congress leader jairam ramesh says if any modi govt ministers signature on file may go to jail

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