तिहाड़ जेल में चिदंबरम से मिलने पहुंचे सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 23, 2019 09:11 IST2019-09-23T09:00:53+5:302019-09-23T09:11:26+5:30
कांग्रेस ने आईएनक्स मीडिया में पी चिदंबरम की गिरफ्तारी को लेकर दावा किया कि यह मामला नरेंद्र मोदी सरकार की साजिश है।

तिहाड़ जेल में चिदंबरम से मिलने पहुंचे सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज तिहाड़ जेल में पी चिदंबरम से मुलाकात करने पहुंचे हैं। आईएनएक्स मीडिया घोटाले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम तीन अक्टूबर तक तिहाड़ जेल में रहेंगे।
कांग्रेस ने आईएनक्स मीडिया में पी चिदंबरम की गिरफ्तारी को लेकर दावा किया कि यह मामला नरेंद्र मोदी सरकार की साजिश है। कांग्रेस ने कहा कि इस मामले में चिदंबरम नहीं, बल्कि वो लोग ‘किंगपिन’ हैं जो सरकार में बैठकर उनका चरित्रहनन कर रहे हैं।
Delhi: Congress Interim President Sonia Gandhi and Former PM Dr Manmohan Singh arrive at Tihar Jail to meet P Chidambaram. pic.twitter.com/ouX4FXniNS
— ANI (@ANI) September 23, 2019
पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इस मामले को राजनीतिक प्रतिशोध की ‘सर्वोत्तम मिसाल’ करार देते हुए कहा कि अगर मंत्रियों के साथ यह व्यवहार किया गया तो फिर कोई भी मंत्री फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करेगा। रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कई महीनों से मोदी सरकार की ओर से चिदंबरम जी के खिलाफ निरन्तर अभियान चलाया गया है। इस सारे अभियान में एक तथ्य जांच एजेंसियों ने पेश नहीं किया है कि आईएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम ने जिस प्रस्ताव को मंजूरी दी उस पर 11 अधिकारियों के भी हस्ताक्षर थे और इन अधिकारियों को अपराधी नहीं माना गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आईएनएक्स मीडिया की फाइल उस वक्त के वित्त मंत्री चिदंबरम को गई थी उसमें 23 और प्रस्ताव थे। चिदंबरम ने 28 मई 2007 को हस्ताक्षर किए। उसी फाइल पर 11 और लोगों के हस्ताक्षर थे। किसी भी अफसर ने कोई आपत्ति नहीं जताई और किसी ने कोई टिप्पणी नहीं की।’’ रमेश ने दावा किया, ‘‘जांच एजेंसियों ने कुछ अफसरों से पूछताछ की है। एजेंसियों ने कभी नहीं कहा कि कोई अपराध नहीं हुआ। अगर 11 अफसरों ने कोई अपराध नहीं किया तो 12वें व्यक्ति ने कोई गलती कैसे की?’’
उन्होंने कहा, ‘‘चिदंबरम के खिलाफ बड़े बड़े शब्द इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि वह किंगपिन हैं। किसके किंगपिन हैं? क्या 11 अधिकारियों के किंगपिन हैं? दरअसल, साजिश पूर्व वित्त मंत्री की नहीं, बल्कि सरकार की है। जो गिरफ्तार हैं वो किंगपिन नहीं है। जो चरित्रहनन का अभियान चला रहे हैं वे लोग किंगपिन हैं।’’ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि यह राजनीतिक प्रतिशोध की सर्वोत्तम मिसाल है। अगर यही स्थिति रही तो कोई भी मंत्री फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करेगा।