सचिन पायलट के लिए अब भी दरवाजे खुले रखना चाहता है कांग्रेस आलाकमान: सूत्र
By भाषा | Updated: July 17, 2020 04:21 IST2020-07-17T04:21:25+5:302020-07-17T04:21:56+5:30
सूत्रों का कहना था कि पायलट को स्पष्ट तौर पर बताया गया कि उनके लिए कांग्रेस पार्टी के दरवाजे अब भी खुले हुए हैं, लेकिन उन्हें बिना शर्त वापस आना होगा। खबर है कि उनसे यह भी कहा गया है कि कांग्रेस उनसे जुड़े हालिया घटनाक्रमों को भूलने के लिए तैयार है और वापसी पर उन्हें पूरा सम्मान दिया जाएगा।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि यह पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के कहने पर किया गया है।
नयी दिल्ली: सचिन पायलट के अदालत का रुख करने के बाद कांग्रेस नेताओं का एक धड़ा मानता है कि राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री बहुत आगे जा चुके हैं। हालांकि सूत्रों ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अब भी पायलट के लिए दरवाजे खुले रखना चाहता है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि पार्टी नेतृत्व ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कहा है कि वह पायलट के खिलाफ तल्ख टिप्पणियों से परहेज करें। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक दक्षिण भारत से ताल्लुक रखने वाले पार्टी के एक वरिष्ठ नेता से पायलट ने बृहस्पतिवार सुबह बात की और पार्टी में अपनी वापसी के लिए शर्तें रखीं।
पायलट के करीबियों की ओर से इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की गई है। सूत्रों का कहना था कि पायलट को स्पष्ट तौर पर बताया गया कि उनके लिए कांग्रेस पार्टी के दरवाजे अब भी खुले हुए हैं, लेकिन उन्हें बिना शर्त वापस आना होगा। खबर है कि उनसे यह भी कहा गया है कि कांग्रेस उनसे जुड़े हालिया घटनाक्रमों को भूलने के लिए तैयार है और वापसी पर उन्हें पूरा सम्मान दिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने जयपुर में गहलोत के साथ बंद कमरे में बैठक की और उनसे पायलट के खिलाफ सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का आग्रह किया।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि यह पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के कहने पर किया गया है। सूत्रों के मुताबिक गहलोत कहना था कि वह पायलट के खिलाफ नहीं है, लेकिन उन्हें पहले ‘भाजपा की मेहमाननवाजी’ छोड़नी होगी और कांग्रेस में बिना शर्त वापसी करनी होगी।
गौरतलब है कि बागी विधायकों को विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य करार देने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी नोटिस को सचिन पायलट के साथियों ने राजस्थान उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। उच्च न्यायालय की खंडपीठ याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी।