बिहार में सवर्णों की संख्या में आई भारी गिरावट, कांग्रेस ने लालू राज को ठहराया जिम्मेदार
By एस पी सिन्हा | Published: October 4, 2023 04:11 PM2023-10-04T16:11:58+5:302023-10-04T16:12:05+5:30
बिहार में सवर्णों की घटती आबादी पर बिहार कांग्रेस के कई नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं और चिंता जाहिर की है।
पटना: बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वहीं, सवर्णों की आबादी घटने पर भी चिंता जाहिर की जा रही है। इसको लेकर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व काफी उत्साहित है तो दूसरी तरफ बिहार में पार्टी बंटी नजर आती है।
बिहार में सवर्णों की घटती आबादी पर बिहार कांग्रेस के कई नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं और चिंता जाहिर की है। बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने तो बिहार में सवर्णों की घटती आबादी को लेकर कई पोस्ट साझा किए हैं। वहीं, दूसरे नेताओं की माने तो बिहार से भारी संख्या में सवर्णों का पलायन हुआ है।
इसके लिए वे अप्रत्यक्ष तौर पर लालू राज को जिम्मेदार ठहराते हैं। इस पूरे मामले पर बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने रिपोर्ट पर ही सवाल खड़े किए हैं और पूछा है कि आखिर सवर्णों की संख्या इतनी कम कैसे हो गई? उन्होंने विकिपीडिया का भी हवाला दिया है और लिखा है कि आखिर जो सवर्ण 2022 तक 22 फीसदी थे, वे अब 11 फीसदी पर कैसे आ गये?
इसके साथ ही अनिल शर्मा ने जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी की तर्ज पर तीन उपमुख्यमंत्री बनाने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को तत्काल एक अत्यंत पिछड़ा, एक मुस्लिम और एक एससी समुदाय का उपमुख्यमंत्री बनाना चाहिए। वहीं, सवर्णों की घटती आबादी पर किशोर कुमार झा ने कहा कि सरकार को गंभीरता से सोचने की जरूरत है।
वहीं दूसरी तरफ बिहार कांग्रेस के कई नेता जातीय गणना की रिपोर्ट की सराहना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि इस रिपोर्ट के आने के बाद अब कमजोर वर्ग के लिए नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।