राजस्थान में लंबे समय से चल रहा सियासी घमासान अब थम गया है और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट व बागी विधायकों की पार्टी में वापसी हो गई है। हालांकि सचिन पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिलकर कई मुद्दे उठाए थे, जिनका वह समाधान चाहते थे। अब कांग्रेस ने इसको लेकर बड़ा कदम उठाया है और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान में पार्टी के बागियों द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए तीन सदस्यीय समिति का भी गठन किया है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, अजय माकन और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल समिति के सदस्य होंगे। इसके साथ ही अजय माकन को राजस्थान मामलों का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया, जो अविनाश पाण्डेय की जगह लेंगे। पार्टी ने मतभेद सुलझाने और राज्य की विधानसभा में बहुमत खोने की संभावना से सरकार को बचाने के लिये हाल ही में माकन को पर्यवेक्षक के तौर पर राजस्थान भेजा था। माकन इससे पहले दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
गहलोत और पायलट दोनों हुए थे समिति गठन पर सहमत
बता दें कि सचिन पायलट ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात के दौरान कुछ मुद्दे उठाए थे। इसके बाद दोनों ने सचिन पायलट की शिकायतें निपटाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच चल रहे विवादों को निपटाने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया था। इस फैसले पर सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ही सहमत हुए थे।
सचिन पायलट समेत 18 विधायकों ने दिखाए थे बागी तेवर
राजस्थान में कुछ समय पहले उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए बागी तेवर दिखाए थे। हालांकि पायलट और अन्य विधायकों के फिर से कांग्रेस के साथ आने के बाद बगावत शांत हो गई थी।