कांग्रेस ने एचपीसीएल कागज मिलों के कर्मियों के लिए राहत पैकेज की मांग की

By भाषा | Updated: September 6, 2021 20:16 IST2021-09-06T20:16:13+5:302021-09-06T20:16:13+5:30

Congress demands relief package for employees of HPCL paper mills | कांग्रेस ने एचपीसीएल कागज मिलों के कर्मियों के लिए राहत पैकेज की मांग की

कांग्रेस ने एचपीसीएल कागज मिलों के कर्मियों के लिए राहत पैकेज की मांग की

गुवाहाटी, छह सितंबर कांग्रेस ने सोमवार को मांग की कि असम सरकार हिंदुस्तान पेपर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) की दो बंद हो चुकी कागज़ मिलों के कर्मचारियों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करे ।

यहां संवादादाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद एवं पार्टी की एचपीसीएल कर्मियों के लिए बनाई गई निवारण समिति के प्रमुख प्रद्युत बोरदोलोई ने कहा कि परिसमापक ने तीन सितंबर को एक नोटिस के माध्यम से 900 कर्मचारियों को 15 दिनों के भीतर क्वार्टर खाली करने का निर्देश दिया है, जो पूरी तरह से अमानवीय है और इसमें कोई दायुलता नहीं दिखाई गई है।

सांसद ने कहा कि राज्य सरकार को कर्मचारियों के साथ एकजुटता दिखानी चाहिए और एक राहत पैकेज के साथ आना चाहिए, जिसमें बंद मिलों को फिर से चालू कराना और कर्मचारियों के सभी बकाये का भुगतान करना शामिल है।

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने एचपीसीएल की नगांव और कछार कागज़ मिलों के मामलों को देखने के लिए चार सितंबर को कर्मचारी निवारण समिति का गठन किया था।

बोरदोलोई के नेतृत्व में समिति के सदस्यों ने जागीरोड में नगांव कागज़ मिल का दौरा किया और कर्मचारियों की लंबे समय से लंबित समस्याओं और उद्योग को पुनर्जीवित करने में सरकार की विफलताओं का संज्ञान लिया।

उन्होंने कहा कि पिछले 58 महीनों में इन मिलों के 93 कर्मियों की मौत हो चुकी है। सांसद ने दावा किया, “''कुछ हलकों में इस तरह के आरोप हैं कि कागज़ मिलों को बंद करने का कारण यह हो सकता है कि राज्य सरकार बांस तक निजी कंपनियों को पहुंच देना चाहती है ताकि इथेनॉल बनाया जा सके जिसकी काफी मांग और मूल्य है।” कागज़ बनाने के लिए बांस का इस्तेमाल कच्चे माल के रूप में होता है।

उन्होंने राज्य सरकार से पंचग्राम में कछार कागज मिल परिसर में मौजूद तेल के कुओं के संबंध में अपना रुख स्पष्ट करने का भी आग्रह किया। बोरदोलोई ने कहा, “''सरकार को किसी भी संपत्ति को थाली में रखकर निजी कंपनियों को नहीं सौंपनी चाहिए और हम ऐसे सौदों पर पारदर्शिता की मांग करते हैं।''

इस बीच नगांव और कछार कागज मिलों की ज्वाइंट एक्शन ऑफ रिकॉगनाइज़्ड यूनियनों (जेएसीआरयू) ने नोटिस को तुरंत वापस लेने के लिए परिसमापक को पत्र लिखा है और कहा है कि यह राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश का उल्लंघन है।

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Web Title: Congress demands relief package for employees of HPCL paper mills

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