दिल्ली:कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से मांग की कि वो इस बात की जांच करे कि क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता राम माधव और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा चुनाव में भाजपा की मदद के लिए कथित तौर पर कुकी उग्रवादियों के साथ किसी तरह का समझौता किया था।
कुकी उग्रवादी नेता और यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के अध्यक्ष एसएस हाओकिप ने 7 जून 2019 को गृहमंत्री अमित शाह को दो पन्नों के पत्र में दावा किया था कि 2017 में यूकेएलएफ ने बीजेपी उम्मीदवारों को जीतने में मदद की थी और यह सारा काम राम माधव और हिमंत बिस्वा सरमा की सहमति हुआ था।
इस संबंध में कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार ने एक मीडिया कांफ्रेंस में कहा, "हम जानते हैं कि ऐसा समझौता किया गया था, लेकिन एनआईए को इसका रहस्योद्घाटन करना चाहिए और पूरी तत्परता से इसकी जांच करनी चाहिए क्योंकि यह राष्ट्र-विरोधी है। सरमा और माधव दोनों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और यह हलफनामे पर है।"
उन्होंने आगे कहा, "कुकी उग्रवादी नेता एसएस हाओकिप ने एक हलफनामे में यह कहा कि उन्होंने चुनाव में भाजपा की मदद की। बीजेपी को देश की जरा भी चिंता नहीं है, वो चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है।"
यह पत्र एक हफ्ते पहले 8 जून को इंफाल में एनआईए की अदालत में सरकारी हथियार गायब होने के मामले में दिये गये एक हलफनामे के रूप में प्रस्तुत किया गया था। साल 2018 के मामले में आरोपी और 2019 में चार्जशीट किए गए हाओकिप ने हलफानामे में छूट मांगी है।
इसके साथ ही कांग्रेस नेता कुमार ने यह भी कहा कि मणिपुर में जारी हिंसा में एक भाजपा मंत्री का घर जला दिया गया लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप थे और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आंध्र प्रदेश में चुनाव प्रचार कर रहे थे। कुमार ने यह भी कहा कि इलेक्ट्रानिक मीडिया द्वारा लव जिहाद और अन्य सांप्रदायिक मुद्दों को इसलिए उठाया जा रहा है ताकि मणिपुर में गंभीर हिंसा संकट से लोगों का ध्यान हटाया जा सके।