दिल्ली:कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर चल रही आंतरिक घमासान के बीच पार्टी नेतृत्व चुनावी मतदान प्रक्रिया में बदलाव करने के लिए सहमत हो गया है। इस संबंध में कांग्रेस के 5 वरिष्ठ सांसदों की ओर से पार्टी संगठन से मांग की गई थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर, कार्ति चिदंबरम और मनीष तिवारी सहित कुल पांच सांसदों ने पार्टी संगठन से मांग की थी कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में नामांकन दाखिल करने वाले प्रत्याशियों को निर्वाचक मंडल में शामिल सभी 9,000 डेलिगेट्स की सूची को देखना का अधिकार मिलना चाहिए।
पार्टी सांसदों के इस मांग के संबंध में कांग्रेस के नेता और पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि पार्टी के कई वरिष्ठ सांसदों की मांग पर विचार करते हुए संगठन 20 सितंबर से पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के कार्यालय में उस सूची को उपलब्ध करायेगा।
उन्होंने कहा, "जो लोग चुनाव लड़ना चाहते हैं, वे अपने राज्य के 10 डेलिगेट्स के नाम राज्य कांग्रेस कार्यालय में देख सकते हैं। इस संबंध में सूची कार्यालय में मौजूद रहेगी।"
दरअसल शशि थरूर, कार्ति चिदंबरम, मनीष तिवारी, प्रद्युत बोरदोलोई और अब्दुल ने पार्टी के नये अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता का मसला उठाते हुए मधुसूदन मिस्त्री को एक पत्र लिखा गया था।
मधुसूदन मिस्त्री द्वारा इस संबंध में स्थिति स्पष्ट किये जाने के बाद तिरुअनंतपुरम से पार्टी के सांसद शशि थरूर ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए ट्वीट किया, 'मुझे खुशी है कि यह स्पष्टीकरण हमारे पत्र के उनके रचनात्मक उत्तर के रूप में आया है। इन आश्वासनों के मद्देनजर मैं संतुष्ट हूं। कई लोगों को उस चुनाव प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ने में खुशी होगी जो मेरे विचार में पार्टी को मजबूत ही करेगी।'
पार्टी अध्यक्ष पद के चुनावी प्रक्रिया में बदलाव की मांग करने वाले में शशि थरूर और मनीष तिवारी असंतुष्ट नेताओं के समूह जी-23 का हिस्सा हैं। जिसने पार्टी की कार्यकारी प्रमुख सोनिया गांधी को अलग से चिट्ठी लिखकर पार्टी में बदलाव से संबंधित कई तरह की मांग की थी।
गौरतलब है कि आगामी 17 अक्टूबर को कांग्रेस के नये अध्यक्ष का चुनाव होना तय है। चुनावी प्रक्रिया के तहत 24 से 30 सितंबर तक अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किए जाएंगे। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)