नई दिल्लीः कांग्रेस ने गुरुवार आधिकारिक तौर पर ऐलान कर दिया कि सिद्धारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री होंगे और डीके शिवकुमार इस सरकार में एकमात्र उप मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इसकी आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने फैसला किया है कि सिद्धारमैया कर्नाटक के मुख्यमंत्री होंगे और डीके शिवकुमार उप मुख्यमंत्री होंगे। 20 मई को दोपहर साढ़े बारह बजे बेंगलुरु में शपथग्रहण समारोह होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, सिद्धारमैया और शिवकुमार के साथ कई मंत्री भी शपथ ले सकते हैं।
मुख्यमंत्री के चयन पर मीडिया से बात करते हुए महासचिव वेणुगोपाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक है; हम आम-सहमति में भरोसा रखते हैं, तानाशाही में नहीं। उन्होंने कहा, कांग्रेस में सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों कांग्रेस की बड़ी 'असेट' हैं। लोकसभा चुनाव होने तक शिवकुमार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर भी बने रहेंगे। वहीं हाईकमान के फैसले को लेकर मीडिया के सवाल पर डीके शिवकुमार ने कहा कि सब ठीक है और अच्छा ही होगा। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम सबको मिलकर काम करना है और हमने इसे स्वीकार किया।
बेंगलुरु में आज शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है जिसमें सिद्धारमैया को आधिकारिक रूप से नेता चुना जाएगा। मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार देर रात पार्टी के वरिष्ठ नेताओं केसी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला के साथ मंत्रणा की और फिर सिद्धरमैया और शिवकुमार को इस फार्मूले पर राजी किया गया।
इस फार्मूले पर सहमति बनने के बाद सिद्धरमैया और शिवकुमार ने गुरुवार को सुबह खड़गे से उनके आवास पर मुलाकात की। सुरजेवाला ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक तस्वीर जारी की है जिसमें खड़गे दोनों नेताओं का हाथ पकड़कर ऊपर उठाए हुए नजर आ रहे हैं। इस तस्वीर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- "टीम कांग्रेस कर्नाटक के लोगों की प्रगति, कल्याण और सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। हम 6.5 करोड़ कन्नडिगाओं से वादा किए गए 5 गारंटी को लागू करेंगे।"
गौरतलब है कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ अलग अलग मुलाकात की थी । फिर बुधवार रात शिवकुमार ने सुरजेवाला के आवास पर मुलाकात की तथा इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और सुरजेवाला ने उनसे चर्चा की।
रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस ने दोनों नेताओं के लिए बारी-बारी से ढाई साल के कार्यकाल के फॉर्मूले पर चर्चा की थी। लेकिन शिवकुमार ने इसपर शर्त जाहिर कर दी थी। डीके शिवकुमार ने शर्त रखा था कि अगर यह एक साझा समझौता है तो पहले ढाई साल का कार्यकाल मुझे दिया जाए जबकि दूसरा सिद्धारमैया को। नहीं तो कुछ भी नहीं चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक डिप्टी सीएम के लिए भी डीके शिवकुमार ने मना कर दिया था लेकिन सोनिया गांधी के फोन पर बात करने के बाद शिवकुमार मान गए।
सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से आते हैं और वह मई 2013 से मई 2018 के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। कभी जनता दल और जनता दल (सेक्युलर) का हिस्सा रहे सिद्धारमैया दो बार राज्य के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। पिछली विधानसभा में वह नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभा रहे थे। कर्नाटक में कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं। वह पिछले करीब तीन वर्षों से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वह प्रदेश में कांग्रेस की पिछली कुछ सरकारों में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि शिवकुमार को उप मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी देने के साथ ही उन्हें कुछ महत्वपूर्ण विभाग भी सौंपे जा सकते हैं।
20 मई को शपथ ग्रहण समारोह में कौन-कौन लेगा हिस्सा?
शपथ ग्रहण समारोह 20 मई को बेंगलुरु में आयोजित किया जाएगा। 2018 में, जब जनता दल (सेक्युलर) के नेता एचडी कुमारस्वामी ने कर्नाटक गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी तो कई विपक्षी नेताओं ने समारोह में भाग लिया था। इस बार भी विपक्षी नेताओं समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को न्योता भेजा जाएगा। 2018 में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलुगू देशम पार्टी के तत्कालीन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, आम आदमी पार्टी के दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भाग लिया था। इसके अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार, जनता दल (यूनाइटेड) से शरद यादव, राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव और वाम दलों के सीताराम येचुरी और डी राजा जैसे अन्य शीर्ष नेता शामिल हुए थे।