बंगाल में भाजपा की बढ़ती ताकत देख, कांग्रेस और तृणमूल आ रहे है एक-दूसरे के करीब 

By शीलेष शर्मा | Published: June 5, 2019 04:49 AM2019-06-05T04:49:57+5:302019-06-05T04:49:57+5:30

कांग्रेस नेतृत्व ने इसका गंभीरता से संज्ञान लिया है और इसकी समीक्षा की जा रही है. गौरतलब है कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में मात्र दो स्थानों पर सफलता मिली जिनमें मालदा दक्षिण और बहरामपुर की सीटें शामिल है. 

Congress and Trinamool congress are coming closer to each other in west bengal after rise of bjp | बंगाल में भाजपा की बढ़ती ताकत देख, कांग्रेस और तृणमूल आ रहे है एक-दूसरे के करीब 

बंगाल में भाजपा की बढ़ती ताकत देख, कांग्रेस और तृणमूल आ रहे है एक-दूसरे के करीब 

Highlightsकांग्रेस नेतृत्व ने इसका गंभीरता से संज्ञान लिया है और इसकी समीक्षा की जा रही है16वीं लोकसभा में उसके 33 सांसद थे जो घटकर मात्र 22 रह गये है.

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की भारी पराजय के बाद पार्टी राज्यों में नेतृत्व परिवर्तन कर संगठन को मजबूत करने में जुट गयी है. पार्टी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अभी से पश्चिमी बंगाल समेत कुछ राज्यों में नये समीकरण भी तलाश कर रही है. 

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांगे्रस का शीर्ष नेतृत्व पश्चिमी बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने पर गंभीरता से विचार कर रही है. यह विचार उस समय आया जब पार्टी के नेताओं ने पश्चिमी बंगाल के कांग्रेसी नेताओं से पार्टी की पराजय के बावत चर्चा की. 

इधर बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी कांग्रेस को साथ मिलकर चुनाव लड़ने के संकेत भिजवाए है. हाल के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जिस तरह सीटें हासिल की तथा विधानसभा चुनाव के लिए जो कोशिशें भाजपा की ओर से हो रही है उसे देखते हुए तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस आपसी गठबंधन कर भाजपा को रोकने की कोशिश करेंगे.

वामदलों के साथ लोकसभा चुनाव में सीमित गठबंधन को लेकर कांग्रेस में खासी नाराजगी है. सूत्र बताते है कि पार्टी के सांसदों ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी से इस बावत शिकायत की कि चुनाव के दौरान वाम दलों ने ना केवल कांग्रेस प्रत्याशियों को हराने के लिए काम किया बल्कि कुछ संसदीय क्षेत्रों में सीमित गठबंधन के बावजूद अपने उम्मीदवार उतारे. 

कांग्रेस नेतृत्व ने इसका गंभीरता से संज्ञान लिया है और इसकी समीक्षा की जा रही है. गौरतलब है कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में मात्र दो स्थानों पर सफलता मिली जिनमें मालदा दक्षिण और बहरामपुर की सीटें शामिल है. 

वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस को भी खासा नुकसान हुआ है . 16वीं लोकसभा में उसके 33 सांसद थे जो घटकर मात्र 22 रह गये है. 295 सदस्यों वाली विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के 208 विधायक है, जबकि कांग्रेस के 43, भाजपा के 10, भाकापा के 23, आरएसपी के तीन, फारवर्ड ब्लॉक दो और सीपीआई का एक सदस्य है. 

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस दोनों को ही अब यह महसूस हो रहा है कि यदि साझा रणनीति के तहत विधानसभा चुनाव नही लड़ा गया तो कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस  दोनों को नुकसान होगा और भाजपा उसका लाभ उठाएगी. 
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के  दौरान तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच चुनावी गठबंधन को लेकर कई दौर की बातचीत हुई लेकिन अधीररंजन चौधरी के विरोध और ममता बनर्जी के अड़ियल रुख के कारण कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस चुनावी गठबंधन करने में विफल हो गये थे. 

Web Title: Congress and Trinamool congress are coming closer to each other in west bengal after rise of bjp

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