रायपुर: कांग्रेस पार्टी ने अपने संविधान में ऐतिहासिक बदलाव करते हुए पार्टी पदों पर बड़े पैमाने पर अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), महिलाओं और युवाओं को मौका देने का फैसला किया है। दरअसल कांग्रेस ने अपनी कार्य समिति और सभी पार्टी पदों पर इन्हें 50 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया है। रायपुर में शनिवार को पार्टी के 85वें अधिवेशन के दौरान यह फैसला लिया गया।
कांग्रेस पार्टी की ओर से इस मौके पर कहा गया कि कहा कि यह फैसला सामाजिक न्याय के एक नए अध्याय की शुरुआत है।
कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यकों के लिए 50 प्रतिशत का आरक्षण और सभी पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों के पद के लिए आरक्षित और अनारक्षित श्रेणियों में युवाओं और महिलाओं को भी 50 प्रतिशत का आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन किया गया है। उदयपुर शिविर में जिस '50 अंडर 50' की अवधारणा की बात कही गई थी, उसे संविधान में शामिल कर लिया गया है।'
कांग्रेस के संविधान में हुए अहम बदलाव
- कांग्रेस के संशोधित संविधान के अनुसार कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) में अब लोकसभा और राज्यसभा के नेताओं के अलावा पार्टी से जुड़े पूर्व प्रधानमंत्रियों और पूर्व एआईसीसी प्रमुखों को शामिल किया जाएगा। पार्टी ने अपने संविधान में कुल 85 संशोधन किए हैं।
- समाज के अनूसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यकों और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए एआईसीसी, डेलीगेट्स और सभी पदों पर 50 फीसदी पद आरक्षित होंगे। इसमें 50 फीसदी पदों में पचास वर्ष से कम के युवाओं और महिलाओं को शामिल किया जाएगा।
- पार्टी के संशोधित संविधान के अनुसार 1 जनवरी 2025 से कांग्रेस में केवल डिजिटल सदस्यता होगी। पेपर के जरिए सदस्यता नहीं होगी।
- कांग्रेस के फॉर्म में थर्ड जेंडर, ट्रांसजेंडर की चर्चा होगी। फॉर्म में अब मां और पत्नी का नाम भी लिखा जाएगा।
- सीडब्ल्यूसी सदस्यों की संख्या 23 से बढ़ाकर 35 कर दी गई है। इसमें 50 प्रतिशत एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों, युवाओं और महिलाओं के लिए आरक्षित होगा।
- अब छह पीसीसी डेलीगेट्स मेंबर पर एक एआईसीसी सदस्य चुना जाएगा। अभी तक 8 पर चुना जाता था। एआईसीसी मेंबर की संख्या 1240 से बढ़कर 1653 होगी।