कांग्रेस का आरोप- मणिपुर को भूल गई है मोदी सरकार, जयराम रमेश बोले- कई और सशस्त्र समूह संघर्ष में शामिल हो गए हैं
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: September 4, 2023 01:32 PM2023-09-04T13:32:20+5:302023-09-04T13:33:28+5:30
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पिछले चार महीनों में पूरी दुनिया ने देखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खराब नीतियों के कारण मणिपुर संकट में है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में संवैधानिक मशीनरी और समुदायों के बीच विश्वास पूरी तरह से टूट गया है।
नई दिल्ली: कांग्रेस ने मणिपुर में स्थिति से निपटने के तरीके को लेकर सोमवार को केंद्र पर हमला किया और आरोप लगाया कि जातीय हिंसा भड़कने के चार महीने बाद भी मोदी सरकार स्थिति सुधारने के प्रयास नहीं कर रही है और राज्य को 'भूल' गई है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पिछले चार महीनों में पूरी दुनिया ने देखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खराब नीतियों के कारण मणिपुर संकट में है। एक्स पर एक पोस्ट में, रमेश ने आरोप लगाया कि जबकि प्रधान मंत्री और उनके ढोल बजाने वाले जी20 के प्रति आसक्त हैं, 3 मई को जातीय हिंसा भड़कने के चार महीने बाद, मणिपुर को मोदी सरकार भूल गई है।
While the Prime Minister and his drum-beaters are obsessed with G20, four months after ethnic violence broke out on May 3rd, Manipur lies forgotten by the Modi government.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 4, 2023
The Chief Minister has ensured that the Manipuri society is more divided today than ever before.
The…
जयराम रमेश ने आगे कहा, "केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) हिंसा को समाप्त करने और हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं। इसके बजाय, कई और सशस्त्र समूह संघर्ष में शामिल हो गए हैं। प्रधानमंत्री ने मणिपुर का दौरा करने, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने या कोई विश्वसनीय शांति प्रक्रिया शुरू करने से 'इनकार' कर दिया।"
कांग्रेस महासचिव ने पूछा, "क्या उन्होंने कैबिनेट में मणिपुर के अपने सहयोगी से भी मुलाकात की है।" उन्होंने आरोप लगाया कि मानवीय त्रासदी के बीच, मणिपुर में संवैधानिक मशीनरी और समुदायों के बीच विश्वास पूरी तरह से टूट गया है। उनकी यह टिप्पणी मणिपुर सरकार द्वारा 24 सदस्यों वाले 10 कुकी परिवारों में से अंतिम को इम्फाल के न्यू लैंबुलेन क्षेत्र से स्थानांतरित करने के बाद आई है, जहां वे दशकों से रह रहे थे और चार महीने पहले पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद भी कहीं और नहीं गए थे।
इस बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री ने बताया है कि सरकार ने राज्य में स्थिति और बिगाड़ने की कोशिश कर रहे एडिटर्स गिल्ड के चार सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। बता दें कि राज्य में तमाम प्रयासों के बाद भी हिंसा की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है। अब मणिपुर सरकार ने 2015 में म्यांमार सीमा पर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व करने के लिए जाने जाने वाले 21 पैरा (विशेष बलों) के एक उच्च सम्मानित अधिकारी सेवानिवृत्त कर्नल नेक्टर संजेबम को संघर्षग्रस्त राज्य के वरिष्ठ एसएसपी (विशेष लडाकू अभियान) के रूप में नियुक्त किया है।
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र कर्नल संजेबम दो दशकों तक सेवा करने के बाद पिछले साल समय से पहले सेवानिवृत्त हो गए थे। उनका अधिकांश कार्यकाल मणिपुर में उग्रवाद से लड़ने के लिए समर्पित रहा था। म्यांमार सीमा के पास मणिपुर के चंदेल जिले में एक बड़े हमले के बाद विद्रोही शिविरों पर सीमा पार कर किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का नेतृत्व कर्नल संजेबम ने ही किया था। उनके नेतृत्व के लिए उन्हें 2015 में भारत के दूसरे सबसे बड़े शांतिकालीन वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था।