SEBI चीफ माधबी पुरी बुच और ICICI बैंक पर कांग्रेस ने फिर से हमला बोला, पूछे ये सवाल

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: September 3, 2024 15:35 IST2024-09-03T15:34:31+5:302024-09-03T15:35:46+5:30

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि आप SEBI की पूर्णकालिक सदस्य होने के बाद भी अपना वेतन ICICI से क्यों ले रही थीं? माधबी बुच मार्केट की रेगुलेटर हैं, SEBI की चेयरपर्सन हैं, तब भी वे ICICI बैंक से वेतन कैसे ले सकती हैं?

Congress again attacked SEBI Chief Madhabi Puri Buch and ICICI Bank, asked these questions | SEBI चीफ माधबी पुरी बुच और ICICI बैंक पर कांग्रेस ने फिर से हमला बोला, पूछे ये सवाल

SEBI चीफ माधबी पुरी बुच और ICICI बैंक पर कांग्रेस ने फिर से हमला बोला

Highlightsमाधबी पुरी बुच और ICICI बैंक पर कांग्रेस ने नए सिरे से हमला बोला पवन खेड़ा ने कहा, "जब माधबी पुरी बुच ICICI से रिटायर हुईं तो..2013-14 में उन्हें 71.90 लाख रुपए की ग्रेच्युटी मिलीपूछा- 2015-16 में उन्हें ICICI से कुछ नहीं मिला तो फिर 2016-17 में पेंशन फिर से क्यों शुरू हो गई?

नई दिल्ली: सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की चीफ माधबी पुरी बुच और  ICICI बैंक पर कांग्रेस ने नए सिरे से हमला बोला है।  कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सोमवार, 2 सितंबर को माधवी पर SEBI से जुड़े होने के दौरान ICICI बैंक समेत 3 जगहों से वेतन लेने का आरोप लगाया था। इस मामले में ICICI बैंक की सफाई आने के बाद पवन खेड़ा एक बार फिर सामने आए और नए तथ्य रखे।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, "जब माधबी पुरी बुच ICICI से रिटायर हुईं तो..2013-14 में उन्हें 71.90 लाख रुपए की ग्रेच्युटी मिली। 2014-15 में उन्हें 5.36 करोड़ रुपए रिटायरमेंट कम्यूटेड पेंशन मिली। लेकिन अगर 2014-15 में माधबी पुरी बुच और ICICI के बीच सेटलमेंट हो गया था और 2015-16 में उन्हें ICICI से कुछ नहीं मिला तो फिर 2016-17 में पेंशन फिर से क्यों शुरू हो गई?"

उन्होंने आगे कहा, "अब अगर साल 2007-2008 से 2013-14 तक की माधबी पुरी बुच की औसत सैलरी निकाली जाए, जब वो ICICI में थीं, तो वो करीब 1.30 करोड़ रुपए थी। लेकिन माधबी पुरी बुच की पेंशन का औसत 2.77 करोड़ रुपए है। ऐसी कौन सी नौकरी है, जिसमें पेंशन.. सैलरी से ज्यादा है। उम्मीद है कि माधबी पुरी बुच जवाब देंगी कि 2016-17 में तथाकथित पेंशन फिर से क्यों शुरू हो गई थी? ध्यान रहे कि 2016-17 में माधबी पुरी बुच की 2.77 करोड़ रुपए की पेंशन तब फिर से शुरू हुई, जब वो SEBI में Whole time member बन चुकी थीं।"

पवन खेड़ा ने कहा, "ICICI कहता है कि हमारे कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मचारियों के पास अपना ESOPs एक्सरसाइज करने की च्वाइस होती है। अमेरिका की एक वेबसाइट पर ICICI ने लिखा है कि अगर ICICI बैंक से खुद इस्तीफा दिया जाए तो, उसके तीन महीने के अंदर ही ESOPs एक्सरसाइज किया जा सकता है। लेकिन माधबी बुच जी इस्तीफा देने के 8 साल बाद भी ESOPs चला रही हैं। आखिर इस तरह का लाभ ICICI के हर एम्पलाई को क्यों नहीं मिलता?" 

उन्होंने कहा, ICICI ने माधबी पुरी बुच की ओर से ESOP पर TDS दिया। अब सवाल है कि क्या ऐसी नीति ICICI के तमाम अधिकारी/कर्मचारी के लिए है? लेकिन अगर ICICI ने माधबी पुरी बुच की ओर से ESOP पर TDS दे दिया, तो क्या वो माधबी पुरी बुच की इनकम में न गिना जाए। अगर इनकम में है तो फिर टैक्स दिया जाना चाहिए, तो ICICI ने इस TDS अमाउंट को Taxable Income में क्यों नहीं दिखाया?  ये इनकम टैक्स एक्ट का उल्लंघन है।   

पवन खेड़ा ने पहले क्या आरोप लगाए थे?

• माधबी पुरी बुच 5 अप्रैल, 2017 से 4 अक्टूबर, 2021 तक SEBI में पूर्णकालिक सदस्य थीं।

• फिर 2 मार्च, 2022 को माधबी पुरी बुच SEBI की चेयरपर्सन बनीं।

• SEBI की चेयरपर्सन को नियुक्त करने वाली कैबिनेट में PM मोदी और अमित शाह शामिल हैं।

• माधबी पुरी बुच SEBI की पूर्णकालिक सदस्य होते हुए रेगुलर इनकम ICICI बैंक से ले रही थीं, जो कि 16.80 करोड़ रुपए था।

• वे ICICI प्रूडेंशियल, ESOP और ESOP का TDS भी ICICI बैंक से ले रही थीं। 

खेड़ा ने कहा था कि इसलिए हम जानना चाहते हैं कि आप SEBI की पूर्णकालिक सदस्य होने के बाद भी अपना वेतन ICICI से क्यों ले रही थीं? माधबी बुच मार्केट की रेगुलेटर हैं, SEBI की चेयरपर्सन हैं, तब भी वे ICICI बैंक से वेतन कैसे ले सकती हैं? 2017-2024 के बीच इन्होंने ICICI प्रूडेंशियल से 22,41,000 रुपए क्यों लिए? आखिर वह ICICI को क्या सेवाएं दे रही थीं? 

कांग्रेस के पीएम मोदी से सवाल

इस मामले को लेकर हमलावर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर भी तीखा हमला किया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछे गए सवालों की लिस्ट जारी की।

1. प्रधानमंत्री जी, आप जब रेगुलेटरी बॉडी के प्रमुखों की नियुक्ति करते हैं, तो उनके लिए क्या उचित मानदंड रखते हैं?

2. क्या प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली ACC के सामने SEBI चेयरपर्सन की नियुक्ति से पहले/बाद में उनके बारे में ये चौंकाने वाले तथ्य आए थे?

3. क्या प्रधानमंत्री को पता था कि माधबी पुरी बुच SEBI के कार्यकाल में लाभ के पद पर होने के बावजूद ICICI से सैलरी ले रही थीं?

4. क्या प्रधानमंत्री को मालूम है कि SEBI की चेयरपर्सन/पूर्णकालिक सदस्य के रूप में ICICI के खिलाफ शिकायतों का निपटारा कर रही थीं और साथ ही ICICI से इनकम ले रहीं थीं?

5. SEBI की चेयरपर्सन/पूर्णकालिक सदस्य को ESOP प्रॉफिट ICICI छोड़ने के बाद भी क्यों मिलता रहा, क्या इस बारे में प्रधानमंत्री जानते थे? 

6. प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि SEBI की चेयरपर्सन के बारे में इतने खुलासे होने के बाद भी उन्हें कौन बचा रहा है और क्यों?
 

Web Title: Congress again attacked SEBI Chief Madhabi Puri Buch and ICICI Bank, asked these questions

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