कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लगाया 4600 करोड़ रुपये के दाल घोटाले का आरोप, अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, मोदी सरकार दाल की न्यूनतम बोली नियम को हटाकर दिया घोटाले को आमंत्रण
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 29, 2022 07:12 PM2022-04-29T19:12:54+5:302022-04-29T19:20:20+5:30
केंद्र की नेंद्र मोदी सरकार पर दाल घोटाले का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र सरकार ने नाफेड में मोदी सरकार ने न्यूनतम बोली के नियम को हटा दिया। जिसके कारण 10 से 15 बड़े मिलर ने पूरे सिस्टम को हाईजैक कर लिया।
दिल्ली: कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नियमों में बदलाव करके केंद्र सरकार ने देश की जनता को ठगने का काम किया और दाल घोटाले को जन्म दिया है।
इस मामले में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कांग्रेस प्रवक्त अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने थे को वो कहते थे कि “न खाउंगा न, खाने दूंगा” लेकिन अब अपने इसी वादे के उलट मोदी सरकार ने 4600 करोड़ रुपये के घोटाले को अंजाम देकर देश की जनता को ठगने का काम किया है।
यह ₹4,600 करोड़ लगभग 5.4 लाख टन की दालों का मामला था। इसमें आप हिसाब लगा लीजिए कि दाल में कितना काला है, कितना चोर की दाढ़ी में तिनका है: श्री @DrAMSinghvipic.twitter.com/hBfD1MPEzR
— Congress (@INCIndia) April 28, 2022
कांग्रेस नेता सिंघवी के मुताबिक नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2018 से लेकर 2022 के बीच में राष्ट्रीय कृषि सहरकारी बाज़ार संघ (नाफेड) के नीतियों में बदलाव किया, जिसके कारण 4600 करोड़ का दाल घोटाला हुआ है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोपों को पुख्ता बनाते हुए सीएजी रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें बताया गया है कि केंद्र सरकार ने नाफेड में मोदी सरकार ने न्यूनतम बोली के नियम को हटा दिया। इसके अलावा मोदी सरकार ने न्यूनतम बोली के नियम को हटा दिया।
जबकि साल 2018 से पहले यह नियम था कि न्यूनतम बोली लगाने वाले दाल मिल के मालिक को चने या अरहर से दाल निकालने का ठेका दिया जाता था। सरकार की शर्त यह होती थी कि अधिकतम दाल निकाली जाएगी।
सिंघवी ने पत्रकारों से बात करते हुएओ कहा, “नियमों में हुए बदलाव के कारण बड़े-बड़े 10 से 15 बड़े मिलर ने पूरे सिस्टम को हाईजैक कर लिया। मसलन 100 क्विंटल चने से दाल निकालने का काम बड़े मिल मालिक ही मिल सकता है। ऐसे में अगर सिर्फ तीन-चार बड़े मिल मालिक सरकार से कहें कि हम तो 100 किलोग्राम चने से केवल 60 किलोग्राम दाल ही निकाल सकते हैं और सरकार ने चने से दाल निकालने का कोई न्यूनतम मापदंड नहीं तय किया है तो यह बड़ा घोटाला ही माना जाएगा।”
इसके साथ ही अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि मोदी सरकार के द्वारा किया गया यह दाल घोटाला पब्लिक होता ही नहीं अगर कोरोना काल में केंद्र सरकार गरीबों को फ्री में राशन देने का ऐलान नहीं करती।
इस पूरे मामले में सबसे आश्चर्यजनक पहलू यह है कि नाफेड ने इस मामले में खुद मोदी सरकार को चिट्ठी लिखकर अपील की थी कि चने से दाल बनाने संबंधी साल 2018 से पूर्व के नियमों को फिर से बहाल किया जाए लेकिन मोदी सरकार ने नफेड की मांग को अनसुना कर दिया।