महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण समारोह से पहले गुरुवार को 'महा विकास अघाड़ी' (एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साझा न्यूनतम कार्यक्रम जारी किया। इस दौरान जयंत पाटिल, नवाब मलिक और एकनाथ शिंदे मौजूद थे। उन्होंने बताया कि सरकार बनने के तुरंत बाद किसानों के हित में फैसला लिया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार तुरंत उनका कर्ज माफ करेगी। साथ ही साथ कहा गया है कि साझा न्यूनतम कार्यक्रम में सेक्युलर शब्द का इस्तेमाल किया गया है।
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में किसानों को तत्काल सहायता व ऋण माफी की बात शामिल की गई है। कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में कहा गया कि उद्धव सरकार किसानों के लिए नई फसल बीमा योजना लाएगी। इसके साथ ही राज्य के किसानों को तुरंत राहत देने का काम किया जाएगा। इसके साथ ही इसमे किसान, रोजगार, शिक्षा, शहरी विकास, पर्यटन, कला, संस्कृति और महिलाओं के मुद्दे पर काम करने का वादा किया गया है। एकनाथ शिंदे ने प्रोग्राम का ऐलान करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के विकास पर सरकार का जोर रहेगा और उन्होंने दावा किया 170 विधायक गठबंधन सरकार के साथ हैं। शिंदे ने कहा कि संविधान के मूल तत्वों को केंद्र में रखा गया है और सभी भाषा-प्रातों को साथ लेकर यह सरकार आगे बढ़ेगी। शिंदे ने कहा कि हम किसी भी तरह का भेदभाव जनता के साथ नहीं होने देंगे।
कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के अनुसार सरकार सीएमपी के मुताबिक बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकारी विभागों के सभी खाली पदों को भी जल्दी भरा जाएगा। स्वास्थ्य, उद्योग, सामाजिक न्याय सहित अन्य महत्वपूर्ण प्रावधानों पर काम करने पर जोर दिया गया है। इसके अनुसार राज्य के नागरिकों को एक रुपये में इलाज देने की वादा भी सरकार के एजेंडे में शामिल है। सूखा पीड़ित किसानों का कर्ज तुरंत माफ किया जाएगा। सीएमपी में सेकुलर शब्द पर भी जोर दिया गया है जिसको लेकर काफी चर्चा की गई थी।
बता दें कि महाराष्ट्र में जहां शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने को तैयार हैं, वहीं उनकी पार्टी ने राकांपा प्रमुख शरद पवार की तारीफ में बृहस्पतिवार को ढेरों कसीदे पढ़े और उन्हें राज्य की अगली सरकार का ‘मार्गदर्शक’ बताया। भले ही शिवसेना हिंदुत्व विचारधारा में यकीन करती हो, लेकिन राज्य में सरकार बनाने के लिए उसने राकांपा और कांग्रेस के साथ ‘महा विकास अघाड़ी’ गठबंधन बनाया है।
पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर भाजपा के साथ हुई तकरार के बाद वह पार्टी से अलग हो गई। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के गठबंधन को आगे लाने में शरद पवार के प्रयासों को स्वीकार किया गया है। राकांपा प्रमुख ने अजित पवार से मंगलवार को बात कर उन्हें भाजपा को समर्थन देने के उनके फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा था।
उनके भतीजे के इस यू-टर्न का श्रेय पवार को ही दिया जा रहा है और उन्हें राज्य के सियासी ड्रामे का ‘मैन ऑफ द मैच’ बताया जा रहा है। शिवसेना ने कहा, “शरद पवार जैसे मजबूत एवं अनुभवी ‘मार्गदर्शक’ हमारे साथ हैं। यह सरकार किसी के भी खिलाफ खराब मंशा के साथ काम नहीं करेगी।”
राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा के सरकार बनाने में नकाम रहने के बाद, शिवसेना ने राजनीतिक आयाम में हुए इस परिवर्तन को महाराष्ट्र में “नये सूर्योदय” के समान बताया है।