कृषि कानूनों पर गठित समिति ने विभिन्न मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों के साथ की चर्चा

By भाषा | Updated: February 18, 2021 21:31 IST2021-02-18T21:31:15+5:302021-02-18T21:31:15+5:30

Committee on Agricultural Laws discussed with top officials of various ministries | कृषि कानूनों पर गठित समिति ने विभिन्न मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों के साथ की चर्चा

कृषि कानूनों पर गठित समिति ने विभिन्न मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों के साथ की चर्चा

नयी दिल्ली, 18 फरवरी उच्चतम न्यायालय द्वारा कृषि कानूनों पर गठित समिति ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने कृषि, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों के साथ कानूनों पर विचार-विमर्श किया है।

इन तीनों कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर पिछले करीब तीन महीने से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।

समिति ने अब तक नौ बार बैठक की है। तीन सदस्यीय समिति ऑनलाइन और प्रत्यक्ष तौर पर हितधारकों के साथ विचार-विमर्श कर रही है।

समिति ने एक बयान में कहा कि उसने कृषि सचिव, कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) के अध्यक्ष, उपभोक्ता मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव और संयुक्त सचिव, सहकारी नाबार्ड के निदेशक के साथ बैठक की है।

नाबार्ड के अध्यक्ष और उप प्रबंध निदेशक, लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) के प्रबंध निदेशक, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के सलाहकार, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सचिव और राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के प्रबंध निदेशक ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में शिरकत की।

समिति के सदस्यों ने बैठक में हिस्सा लेने वाले अधिकारियों से तीनों कृषि कानूनों पर अपनी राय देने का अनुरोध किया। बयान में कहा गया, ‘‘बैठक में हिस्सा लेने वाले सभी अधिकारियों ने विस्तार से अपना दृष्टिकोण और सुझाव रखे।’’

उच्चतम न्यायालय ने 12 जनवरी को दो महीनों के लिए तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी थी और समिति से सभी हितधारकों के साथ चर्चा कर दो महीने के भीतर एक रिपोर्ट सौंपने को कहा था।

केंद्र द्वारा पिछले साल लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश के कुछ हिस्से के किसान पिछले करीब तीन महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि ये कानून कारोबारियों के अनुकूल हैं और इससे मंडी व्यवस्था कमजोर होगी।

केंद्र और प्रदर्शन में शामिल 41 किसान यूनियनों के बीच 11 दौर की वार्ता हुई लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। सरकार ने कानूनों को 18 महीने के लिए स्थगित करने का भी प्रस्ताव दिया लेकिन किसान यूनियनों ने इसे ठुकरा दिया।

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Web Title: Committee on Agricultural Laws discussed with top officials of various ministries

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