त्रिशूर के ‘पूरम’ पर्व में भाग लेंगे केरल के सबसे ऊंचे गजराज ‘तेचीक्कोत्तुकावु रामचंद्रन’, 13 मई को महोत्सव
By भाषा | Published: May 11, 2019 06:56 PM2019-05-11T18:56:55+5:302019-05-11T18:56:55+5:30
तीन पशु चिकित्सकों के एक दल द्वारा 54 वर्ष के हाथी की मेडिकल जांच के बाद अनुमति दी गई। टीम ने त्रिशूर कलेक्टर टी वी अनुपमा को रिपोर्ट सौंपकर कहा था कि हाथी पूरम त्योहार की महत्वपूर्ण रस्म में भाग लेने के लिए फिट है।
चार दिनों की अनिश्चितता को समाप्त करते हुए केरल के सबसे ऊंचे हाथी ‘तेचीक्कोत्तुकावु रामचंद्रन’ को प्रसिद्ध त्रिशूर पूरम पर्व में भाग लेने की शनिवार को सशर्त अनुमति दी गई। गजराज के फिटनेस परीक्षण में सफल रहने के बाद यह निर्णय किया गया।
तीन पशु चिकित्सकों के एक दल द्वारा 54 वर्ष के हाथी की मेडिकल जांच के बाद अनुमति दी गई। टीम ने त्रिशूर कलेक्टर टी वी अनुपमा को रिपोर्ट सौंपकर कहा था कि हाथी पूरम त्योहार की महत्वपूर्ण रस्म में भाग लेने के लिए फिट है। ‘पूरम’ पर्व का मुख्य कार्यक्रम साढे़ दस फुट ऊंचे हाथी के यहां प्राचीन वडक्कुमनाथन मंदिर के दक्षिणी मुख्य द्वार को खोलने से शुरू होता है।
उस समय हाथी पर भगवान की मूर्ति रखी होती है और यह महोत्सव की शुरुआत की प्रतीक है। साल 2014 से हाथी यह रस्म निभा रहा है और राज्य में उसके बहुत प्रशंसक हैं। हालांकि इस साल फरवरी में गुरुवायुर में एक समारोह के दौरान हाथी के हमले में दो लोगों की मौत के बाद जिला प्रशासन ने महोत्सवों में इनकी भागेदारी पर पाबंदी लगा दी थी।
यह पर्व इस साल 13 मई को मनाया जाएगा। केरल उच्च न्यायालय के शुक्रवार को इस मामले में हस्तक्षेप से इंकार करने के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में अतिरिक्त महाधिवक्ता रंजीत थाम्पन से कानूनी राय मांगी थी।