UP: संभल में मिले मंदिर पर सीएम योगी की आई कड़ी प्रतिक्रिया

By राजेंद्र कुमार | Updated: December 15, 2024 20:15 IST2024-12-15T20:15:04+5:302024-12-15T20:15:21+5:30

मुख्यमंत्री योगी ने विपक्ष नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों को जनता के समक्ष रखते हुए कहा कि भारत की विरासत के प्रति बोलने वालों को धमकी दी जाती है। 

CM Yogi's strong reaction on the temple found in Sambhal | UP: संभल में मिले मंदिर पर सीएम योगी की आई कड़ी प्रतिक्रिया

UP: संभल में मिले मंदिर पर सीएम योगी की आई कड़ी प्रतिक्रिया

लखनऊ: विपक्षी दलों के नेताओं संभल की हिंसा को लेकर देश की संसद में लगाए गए तमाम आरोपों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को मीडिया के एक कार्यक्रम में जबाव दिया। मुख्यमंत्री योगी ने विपक्ष नेताओं द्वारा उठाए गए मुद्दों को जनता के समक्ष रखते हुए कहा कि भारत की विरासत के प्रति बोलने वालों को धमकी दी जाती है। 

यह दावा करते हुए सीएम योगी ने सच को दबाने वाले, संविधान का गला घोंटने वाले विपक्षी दलों के लोगों की मानसिकता को उजागर करने की अपील जनता से की। इसके साथ ही सीएम ने बेबाकी से यह सवाल भी उठाया कि 46 वर्ष पहले जिन दरिंदों ने संभल के अंदर नरसंहार किया, उन्हें आज तक सजा क्यों नहीं मिली।

सीएम योगी का सवाल

मुख्यमंत्री योगी का कहना था कि शनिवार को संसद में चर्चा संविधान पर हो रही थी और विपक्षी दल मुद्दा संभल का उठा रहे थे। जो विपक्षी दल संसद में संभल के मुद्दे पर प्रदेश सरकार पर आरोप लगा रहे थे, इन्हीं के समय में 46 वर्ष पहले संभल में जिस मंदिर को बंद कर दिया गया, वह मंदिर फिर से सबके सामने आ गया। देश और प्रदेश की जनता के सामने विपक्षी दलों की वास्तविकता सामने आ गई है।

मुख्यमंत्री योगी के अनुसार, संभल में इतना प्राचीन मंदिर, बजरंग बली की प्राचीन मूर्ति और ज्योतिर्लिंग रातों रात तो नहीं आया होगा। उन्होंने कहा कि 46 वर्ष पहले जिन दरिंदों ने संभल के अंदर नरसंहार किया था, उन्हें आज तक सजा क्यों नहीं मिली। संभल में जिनकी निर्मम हत्या हुई, उन निर्दोषों का क्या कसूर था, जो भी सच बोलेगा, उसे धमकी दी जाएगी, मुंह बंद कराने का प्रयास होगा।

विरासत के प्रति बोलने वालों को मिलती है धमकी
 
मुख्यमंत्री योगी ने यह दावा करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस के दोहरे चरित्र को उजागर करते हुए कहा कि जो लोग भारत का ठेका लेकर घूमते हैं और डिस्कवरी ऑफ इंडिया को भारत का सबसे प्राचीन ग्रंथ मानते हैं। वे संविधान के नाम पर पाखंड कर रहे हैं। 9 नवंबर 2019 को उच्चतम न्यायालय ने श्रीराम जन्मभूमि से संबंधित फैसला दिया, लेकिन ऐसे लोग आज भी जज को धमकी देते हैं। 

राज्यसभा के सभापति (उप राष्ट्रपति) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनकी आवाज को दबाना चाहते हैं। सभापति ने कर्तव्यों के निर्वहन की बात की और कहा कि सदन चलना चाहिए। जनता से जुड़े मुद्दे सदन में रखे जाने चाहिए। 

इस पर इन लोगों (विपक्षियों) ने पक्षपात का आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस दी, जबकि उपराष्ट्रपति अपनी योग्यता व क्षमता के बल पर संवैधानिक मर्यादा का पालन करते हुए उच्च सदन का संचालन कर रहे हैं और विरोधी दल यह चाहते हैं कि उप राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों का निर्वहन न कर सकें।

ऐसा इस लिए भी हो रहा है क्योंकि किसान के बेटे को उपराष्ट्रपति पद पर देखना नहीं विपक्षी दलों को हजम नहीं हो रहा है। यह दावा करते हुए सीएम योगी ने न्यायमूर्ति शेखर यादव के कथन का भी बचाव किया। 

उन्होंने एक न्यायमूर्ति ने समान नागरिक संहिता की बात कही।  दुनिया में बहुसंख्यक समाज की भावना का सम्मान हर हाल में होता है। भारत में बहुसंख्यक समाज के हितों की चर्चा हुई, सच्चाई बोलना अपराध नहीं है।

फिर भी राज्यसभा में विपक्षी दलों ने न्यायमूर्ति के खिलाफ महाभियोग की नोटिस दी है। वास्तव में विपक्षी दल अब सच बोलने वाले को महाभियोग का धौंस देकर उसके मुंह को बंद करने का प्रयास कर रहे हैं और संविधान की दुहाई दें रहे हैं। विपक्षी दलों का यह दोहरा चरित्र नहीं चलेगा। सच को दबाने वाले ऐसे लोगों को नंगा करना चाहिए।
 

Web Title: CM Yogi's strong reaction on the temple found in Sambhal

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