शुभांशु शुक्ला छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की घोषणा, देखिए वीडियो
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 25, 2025 19:53 IST2025-08-25T18:49:25+5:302025-08-25T19:53:44+5:30
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिका का ‘नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा), दोनों ही अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसी हैं।

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लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी घोषणा कर दी है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के छात्रों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के नाम पर छात्रवृत्ति शुरू करेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के नाम पर एक नई छात्रवृत्ति शुरू करने की घोषणा की। शुक्ला किसी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशन में भाग लेने वाले राज्य के पहले व्यक्ति हैं। आदित्यनाथ ने कहा कि यह छात्रवृत्ति अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले उत्तर प्रदेश के छात्रों को सहायता प्रदान करेगी।
VIDEO | Lucknow: Addressing the felicitation event of Shubhanshu Shukla, CM Yogi Adityanath says, "Uttar Pradesh is going to launch scholarship in astronaut Shubhanshu Shukla's name for space technology students."
— Press Trust of India (@PTI_News) August 25, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/1EpD6eyRUz
यह घोषणा शुक्ला के सम्मान समारोह के दौरान की गई, जो ऐतिहासिक ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) में रहने के बाद हाल ही में लौटे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ऐसे अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बनने वाले उत्तर प्रदेश के पहले नागरिक हैं, इसलिए हम अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने के इच्छुक छात्रों के लिए उनके नाम पर एक छात्रवृत्ति शुरू करेंगे।" आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने हाल के वर्षों में अंतरिक्ष शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है।
उन्होंने कहा, ‘‘चार साल पहले, उत्तर प्रदेश में कोई भी विश्वविद्यालय या संस्थान अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में कोई पाठ्यक्रम, डिग्री, डिप्लोमा या प्रमाणपत्र प्रदान नहीं करता था। आज गोरखपुर स्थित मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय और एकेटीयू जैसे संस्थानों के साथ-साथ एक दर्जन से अधिक तकनीकी संस्थानों ने इस क्षेत्र में डिग्री पाठ्यक्रम शुरू किए हैं।
यह हमारे संस्थानों की भारत की विकास गाथा में सक्रिय योगदान देने की इच्छा को दर्शाता है।" मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निर्धारित 2047 तक विकसित भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए उभरते वैज्ञानिक क्षेत्रों में प्रतिभाओं को पोषित करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह सफलता केवल आज या कल के लिए नहीं है, यह भारत की गहन वैज्ञानिक विरासत का विस्तार है।
अपने युवाओं के लिए नए रास्ते खोलकर, हम अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत के नेतृत्व को मजबूत करेंगे।" आदित्यनाथ ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिवसीय मिशन के दौरान शुक्ला के योगदान की सराहना की, जहां इस अंतरिक्ष यात्री ने 60 से अधिक प्रयोगों में भाग लिया, जिनमें से कई भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए थे।
उन्होंने कहा, ‘‘शुभांशु का अनुभव भारतीय शोधकर्ताओं की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के साथ उनका मार्गदर्शन करेगा। मैं उनका, उनकी पत्नी कामना, उनके माता-पिता और उनके परिवार का हार्दिक स्वागत करता हूं। उनकी यात्रा न केवल लखनऊ के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है।’’
मुख्यमंत्री ने अंतरिक्ष अनुसंधान और अन्वेषण में राज्य के युवाओं के लिए और अधिक अवसर सृजित करने के लिए इसरो के साथ सहयोग करने में उत्तर प्रदेश की रुचि को व्यक्त किया। अंतरिक्ष यात्री और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने सोमवार को कहा कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण में तेजी से आगे बढ़ रहा है और वह दिन दूर नहीं है जब दुनिया ‘नासा’ की बजाय ‘इसरो’ की बात करेगी, यह बस कुछ ही समय की बात है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और अमेरिका का ‘नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा), दोनों ही अंतरिक्ष क्षेत्र में काम करने वाली एजेंसी हैं।
‘एक्सिओम-4’ मिशन की सफलता और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से अपनी सुरक्षित वापसी के बाद लखनऊ में उनके सम्मान में आयोजित एक नागरिक अभिनंदन समारोह में शुक्ला ने कहा,‘‘भारत लौटने के बाद से, मैंने लोगों में हमारी अंतरिक्ष उपलब्धियों को लेकर अविश्वसनीय उत्साह महसूस किया है।
#WATCH | Lucknow: UP CM Yogi Adityanath says, "...This field was untapped for us. We had never utilised this field. I was having discussions with Shubhanshu Shukla and the ISRO chief. Everyone is affected by climate change...This is affecting the crop cycle. There is also the… pic.twitter.com/2dgSlxsN9E
— ANI (@ANI) August 25, 2025
राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस को मनाए हुए अभी दो साल ही हुए हैं, फिर भी इसे लेकर ज़बरदस्त उत्साह है। जैसा कि उपमुख्यमंत्री (केशव प्रसाद मौर्य) ने कहा था, वह दिन दूर नहीं जब लोग नासा की बजाय इसरो की बात करेंगे। मेरा मानना है कि यह कोई सपना नहीं, बल्कि एक हकीकत है जो साकार होने का इंतजार कर रही है।’’
#WATCH | Lucknow, UP: IAF Group Captain and astronaut Shubhanshu Shukla says, "...I have a message for the children sitting at the back. We will send a human in the Gaganyaan mission, Bharatiya Antariksh Station will be built, in 2040 someone will definitely go to the moon. You… pic.twitter.com/nXym1wdy6k
— ANI (@ANI) August 25, 2025
शुक्ला, जो इस गर्मजोशी भरे स्वागत से बेहद प्रभावित थे, ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘आज सुबह लगभग साढ़े सात बजे लखनऊ पहुंचने के बाद से मैंने लगभग 2,000 सेल्फी ली होंगी। ‘मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं’ वाली मशहूर कहावत आज मेरे लिए सचमुच जीवंत हो उठी।’’ सम्मान समारोह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर हुआ और इसमें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और शुक्ला के परिवार के सदस्य, जिनमें उनकी पत्नी कामना, मां आशा और पिता शंभू शुक्ला शामिल थे, शामिल हुए।
#WATCH | Lucknow | "93% of Indian satellites were launched in the last 10 years..." ISRO Chairman V. Narayanan says at the felicitation event of IAF Group Captain and astronaut Shubhanshu Shukla
— ANI (@ANI) August 25, 2025
He says, "... Last month, NASA-ISRO’s joint satellite was launched successfully… pic.twitter.com/ef4KB7LYO6
अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए शुक्ला ने कहा कि भारत आने पर दिल्ली में उन्होंने जो उत्साह देखा था, वह अपने गृहनगर लखनऊ पहुंचकर ‘दोगुना’ हो गया। उन्होंने कहा, ‘‘इतने गर्मजोशी से भरे स्वागत के साथ घर आना मेरे लिए बेहद रोमांचक रहा। मैं लोगों द्वारा दिखाए गए प्यार और गर्व के लिए तहे दिल से आभारी हूं।’’
#WATCH | Lucknow, UP: At the felicitation event for IAF Group Captain and astronaut Shubhanshu Shukla, ISRO Chairman Dr V Narayanan says, "I am extremely happy that my colleague has back safely. He is really going to contribute to the Gaganyaan program. First of all, we have to… pic.twitter.com/2PCcHjrxzI
— ANI (@ANI) August 25, 2025
शुक्ला के 18 दिनों के मिशन में सैन डिएगो के पास प्रशांत महासागर में उतरने से पहले आईएसएस पर रुकना शामिल था। उन्होंने बताया कि उनकी टीम ने अंतरिक्ष में 60 वैज्ञानिक प्रयोग किए जिनमें से सात भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा डिजाइन किए गए थे। उन्होंने कहा कि सबसे गौरवपूर्ण क्षण हमारे वैज्ञानिकों द्वारा तय किए गए प्रयोगों को करना था।
#WATCH | Lucknow | "By 2035, India will have its own space station... By 2040, we will send an Indian to the Moon... During Operation Sindoor, through our satellites, we ensured the safety and security of every citizen of Bharat...", ISRO Chairman V. Narayanan says at the… pic.twitter.com/qT6Kh4ycIv
— ANI (@ANI) August 25, 2025
शुक्ला ने कहा कि उन्हें पहली बार सूक्ष्म-गुरुत्व से जुड़ा अनुसंधान करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा, ‘‘असली उपलब्धि केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि इस मिशन ने अंतरिक्ष में भविष्य के भारतीय अनुसंधान के लिए जो द्वार खोले हैं, वे हैं।’’ शुक्ला ने बताया कि उन्होंने मिशन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत की और तीन मौकों पर बच्चों से बात की।
उन्होंने कहा, ‘‘हर बार, बच्चों ने पूछा कि वे अंतरिक्ष यात्री कैसे बन सकते हैं। इस मिशन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक यह है कि अब युवा पीढ़ी अंतरिक्ष में जाने की इच्छा रखती है और उन्हें विश्वास है कि वे इसे हासिल कर सकते हैं।" सम्मान समारोह में इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन भी मौजूद थे।