बिहारः मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगाया विराम, दिया यह बयान
By एस पी सिन्हा | Published: December 15, 2020 03:41 PM2020-12-15T15:41:33+5:302020-12-15T15:43:06+5:30
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने विधानसभा की 22 समितियां गठित कर दी है. यह कयास लगाये जा रहे हैं कि समितियों के सभापति जिन्हें बनाया गया है, उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने के आसार अब कम ही हैं.
पटनाः बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर जारी कयास पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विराम लगा दिया है. पटना एयरपोर्ट के विस्तारीकरण कार्य के निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा की ओर से अभी ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है.
बिहार में एनडीए की नई सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि, इस संबंध में अभी अनिश्चतता का माहौल कायम है. फिलहाल मंत्रिमंडल विस्तार का मामला ठंडा पड़ गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल विस्तार का गेम भाजपा के पाले में डाल दिया और कहा कि इसमें विलंब के पीछे भाजपा की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं आना है.
भाजपा के प्रस्ताव देने के बाद इसपर फैसला किया जाएगा. खास बात यह है कि उन्होंने केवल भाजपा का नाम लिया. जबकि, एनडीए में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) एवं विकासशील इनसान पार्टी (वीआईपी) भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि भाजपा को जब लगेगा मंत्रिमंडल विस्तार के लिए, तभी इस पर बात होगी. अभी कोई बात नहीं हुई है.
अगले पांच साल के सरकार के कार्य की योजना बनी
उन्होंने यह भी कहा कि अगले पांच साल के सरकार के कार्य की योजना बनी है, उस पर आज कैबिनेट में निर्णय लिया जाएगा. यहां बता दें कि नई सरकार के गठन के बाद आज पूरे 28 दिन बाद नीतीश कुमार की बैठक में राज्य से जुडे़ अहम फैसले लिए जायेंगे.
साथ ही खबर यह भी थी कि कबिनेट में पार्टियों में मंत्रिमंडल का विस्तार करने से जुडे़ फैसले भी लिए जाने वाले थे. लेकिन नीतीश कुमार के बयान के बाद अब ऐसा नहीं होने वाला है. यहां उल्लेखनीय है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर आरंभ में यह चर्चा थी कि विधानसभा सत्र खत्म होने के एक-दो दिनों के भीतर इसका विस्तार हो जाएगा. पर मामला टलता गया.
इसके बाद यह चर्चा तेज हुई कि 15 दिसंबर के पहले मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, लेकिन यह बात भी टल गई. अब मुख्यमंत्री के वक्तव्य के बाद यह तय लग रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार खरमास के बाद ही होगा. खरमास होने की वजह से 14 जनवरी के पहले मंत्रिमंडल विस्तार के लिए भाजपा से कोई प्रस्ताव आने की उम्मीद भी नहीं लग रही है.
भाजपा के प्रवक्ता संजय टाइगर ने स्पष्ट किया कि एनडीए के चार घटक दल हैं
इस बाबत भाजपा के प्रवक्ता संजय टाइगर ने स्पष्ट किया कि एनडीए के चार घटक दल हैं, जिनके नेतृत्व आपस में सहमति बनाकर कोई फैसला करेंगे. फिर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे. सरकार के मुखिया नीतीश कुमार हैं, इसलिए वे बात कर फैसला करेंगे. एनडीए में कोई गतिरोध नहीं है और उचित समय पर बातचीत कर मंत्रिमंडल विस्तार का फैसला कर लिया जाएगा.
वर्तमान में कई मंत्रियों के पास तीन से चार महकमे हैं. जदयू कोटे से शिक्षा मंत्री बने मेवा लाल चौधरी के इस्तीफे के बाद उनकी जवाबदेही अशोक चौधरी को दी गई. भाजपा कोटे से दो उपमुख्यमंत्री के साथ अभी सात मंत्री हैं. जबकि जदयू कोटे से अभी केवल चार मंत्री हैं. 'हम' से एक और 'वीआईपी' से एक मंत्री हैं.