खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल पर सीएम भगवंत मान ने तोड़ी चुप्पी, कहा- गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाले पंजाब के वारिस नहीं हो सकते
By रुस्तम राणा | Updated: February 25, 2023 18:19 IST2023-02-25T18:00:41+5:302023-02-25T18:19:34+5:30
खालिस्तान समर्थक नेता का नाम लिए बगैर मान ने पंजाबी में ट्वीट किया, "जो लोग गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए पुलिस थाने ले जाते हैं, वे पंजाब और पंजाबियत के 'वारिस' होने के लायक नहीं हैं।"

खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल पर सीएम भगवंत मान ने तोड़ी चुप्पी, कहा- गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाले पंजाब के वारिस नहीं हो सकते
चंडीगढ़:पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खालिस्तानी समर्थक नेता और 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। सीएम मान ने शनिवार को कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने वाले पंजाब के वारिस नहीं हो सकते। खालिस्तान समर्थक नेता का नाम लिए बगैर मान ने पंजाबी में ट्वीट किया, "जो लोग गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए पुलिस थाने ले जाते हैं, वे पंजाब और पंजाबियत के 'वारिस' होने के लायक नहीं हैं।"
राज्य में अब तक आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार ने अमृतपाल के भड़काऊ भाषणों के मुद्दे पर चुप्पी साध रखी थी। मान की कैबिनेट में किसी मंत्री ने कभी इस मुद्दे पर बात नहीं की। हालांकि आप सूत्रों ने कहा कि सरकार अमृतपाल से उलझकर उन्हें कोई महत्व नहीं देने की रणनीति के तहत चुप रही।
ਸ਼ਬਦ ਗੁਰੂ ਸ਼ੀੑ ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ ਜੀ ਨੂੰ ਢਾਲ ਬਣਾ ਕੇ ਥਾਣਿਆਂ ਤੱਕ ਲੈ ਕੇ ਜਾਣ ਵਾਲੇ ਕਿਸੇ ਵੀ ਪੱਖ ਤੋਂ ਪੰਜਾਬ ਅਤੇ ਪੰਜਾਬੀਅਤ ਦੇ “ ਵਾਰਿਸ ” ਅਖਵਾਉਣ ਦੇ ਕਾਬਿਲ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਦੇ..
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) February 25, 2023
अमृतपाल के करीबी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के विरोध में गुरुवार को अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों द्वारा गुरुवार को अमृतसर के बाहरी इलाके अजनाला में एक पुलिस स्टेशन में बैरिकेड्स तोड़कर तलवारें और बंदूकें लहराते हुए पुलिस थाने में घुस गए थे।
इस दौरान 6 पुलिसवाले घायल हो गए थे। वहीं अमृतपाल ने भी अपने समर्थकों को चोटिल होने की बात कही थी। हालांकि इस घटना के दूसरे दिन अपहरण और मारपीट के आरोप में गिरफ्तार हुए लवप्रीत सिंह को अमृतसर जेल से रिहा कर दिया गया था। पुलिस ने उसे निर्दोष बताते हुए रिहा किया।