सीएम फडणवीस सोचते हैं स्कूली बच्चों को हिंदी कैसे सिखाई जा सकती?, राज ठाकरे बोले- सीएम नहीं सोचते महाराष्ट्र में काम करने बाहर से आएं लोग मराठी कैसे सीखे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 2, 2025 21:33 IST2025-08-02T20:57:39+5:302025-08-02T21:33:46+5:30

महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक के तहत परियोजनाओं के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को गिरफ्तार करे।

CM Fadnavis thinks how Hindi taught school children Raj Thackeray said not think how people coming outside work in Maharashtra can learn Marathi | सीएम फडणवीस सोचते हैं स्कूली बच्चों को हिंदी कैसे सिखाई जा सकती?, राज ठाकरे बोले- सीएम नहीं सोचते महाराष्ट्र में काम करने बाहर से आएं लोग मराठी कैसे सीखे

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Highlightsआपको मराठी मानुष का सम्मान करते हुए ऐसा करना होगा।एक राजनीतिक मंच साझा करने के कुछ दिनों बाद आई है।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार), शिवसेना (उबाठा) के नेता भी मंच पर मौजूद थे। 

पनवेलः महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भाषा विवाद के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा और कहा कि फडणवीस यह सोचते हैं कि स्कूली बच्चों को हिंदी कैसे सिखाई जा सकती है, लेकिन इस बारे में नहीं सोचते कि राज्य में काम करने के लिए बाहर से आने वाले लोग मराठी कैसे सीख सकते हैं। यहां ‘पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी’ (पीडब्ल्यूपी) के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए ठाकरे ने राज्य सरकार को चुनौती दी कि वह महाराष्ट्र विशेष सार्वजनिक सुरक्षा विधेयक के तहत परियोजनाओं के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को गिरफ्तार करे।

ठाकरे ने कहा कि भूमिपुत्र और मराठी मानुष के लिए कोई विचार नहीं है और इसका भयावह उदाहरण रायगड जिला है। किसानों से जमीन लिए जाने की ओर इशारा करते हुए ठाकरे ने कहा कि राज्य में उद्योग मराठी मानुष की कब्र पर नहीं बनाए जा सकते। ठाकरे ने कहा, "यदि आप उद्योग लाना चाहते हैं तो आपको मराठी मानुष का सम्मान करते हुए ऐसा करना होगा।

इसके बिना आप ऐसा नहीं कर सकते।" ठाकरे ने कहा, "महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री इस बारे में सोचते हैं कि स्कूली बच्चे हिंदी कैसे सीख सकते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री यह नहीं सोचते कि महाराष्ट्र में काम के लिए आने वाले लोग मराठी कैसे सीख सकते हैं।" राज ठाकरे के संबोधन के दौरान शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत भी मौजूद थे।

राउत ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। मनसे प्रमुख ने यह भी पूछा कि अगर कोई अपने राज्य के बारे में बात करता है तो उसे संकीर्ण कैसे कहा जा सकता है। यह टिप्पणी राज और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा पिछले महीने लगभग दो दशकों के बाद एक राजनीतिक मंच साझा करने के कुछ दिनों बाद आई है।

जहां उन्होंने तीन भाषाओं की नीति पर दो विवादास्पद सरकारी आदेशों को वापस लेने और पहली से पांचवीं कक्षा तक के छात्रों पर हिंदी "थोपने" का जश्न मनाया था। राज ठाकरे का कार्यक्रम को संबोधित करना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि महा विकास आघाडी में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार), शिवसेना (उबाठा) के नेता भी मंच पर मौजूद थे। 

महाराष्ट्र सरकार राज्य से मराठी भाषा को खत्म करने की कोशिश कर रही है: उद्धव ठाकरे

शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महाराष्ट्र सरकार पर राज्य से मराठी भाषा को खत्म करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। ठाकरे ने इसके साथ ही भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे मंत्रियों को बर्खास्त नहीं करने के लिए देवेंद्र फडणवीस को "असहाय" मुख्यमंत्री करार दिया। मुंबई के बांद्रा स्थित अपने आवास 'मातोश्री' में ठाकरे ने कहा कि हालांकि विपक्ष ने मंत्रियों के भ्रष्टाचार का सबूत दिया था, लेकिन उन्हें केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।

ठाकरे के आवास 'मातोश्री' में शेतकरी क्रांति संगठन का शिवसेना (उबाठा) में विलय हुआ। ठाकरे ने कहा, ‘‘मैंने पहले कभी इतना असहाय मुख्यमंत्री नहीं देखा। कोई किसी से जवाब नहीं मांग सकता।’’ विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मंत्री माणिकराव कोकाटे के इस्तीफे की मांग कर रहे थे, जिन्हें उस कथित वीडियो के सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद आलोचना का सामना करना पड़ा।

जिसमें उन्हें विधान परिषद में ऑनलाइन‘रमी’ खेलते दिखया गया है। इसके बाद कोकाटे को किसानों के बारे में "असंवेदनशील" टिप्पणी के लिए भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। बृहस्पतिवार रात कोकाटे को कृषि मंत्रालय से खेल एवं युवा कल्याण विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया।

शिवसेना (यूबीटी) खासतौर पर अपने प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के मंत्रियों संजय शिरसाट, संजय राठौड़ और योगेश कदम पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग कर रही है। ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी।

भाषा विवाद पर, पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा, ‘‘सरकार महाराष्ट्र से मराठी को खत्म करने की कोशिश कर रही है।" मंत्रालय के पास शिवालय में एक अलग कार्यक्रम में ठाकरे ने कहा, ‘‘हमें किसी भी भाषा से कोई नफरत नहीं है, लेकिन हम पर कोई भाषा नहीं थोपें।’’

ठाकरे का इशारा कथित तौर पर कक्षा एक से पांच तक के छात्रों के लिए त्रिभाषा नीति और हिंदी "थोपने" से संबंधित दो विवादास्पद सरकारी प्रस्तावों (जीआर) की ओर था। विभिन्न वर्गों के कड़े विरोध के बाद जीआर वापस ले लिए गए थे। उद्धव और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ने हिंदी भाषा के जीआर वापस लिए जाने का जश्न मनाने के लिए पांच जुलाई को एक संयुक्त रैली को संबोधित किया।

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