स्वच्छता सिटी सर्वे रिपोर्टः गंगा किनारे बसा सबसे अच्छा शहर वाराणसी, 10 सबसे साफ शहरों में गुजरात के चार, जानिए सूची
By भाषा | Published: August 20, 2020 07:27 PM2020-08-20T19:27:00+5:302020-08-20T19:27:00+5:30
स्वच्छता इंदौर का स्वभाव है, इंदौर की जनता ने गंदगी को भगा दिया है और स्वच्छता इंदौर की सभ्यता बन गई है। मैं इंदौर की जनता को बहुत बधाई देता हूं। अब केवल देश से ही नहीं दुनिया से, लोग स्वच्छता का पाठ पढ़ने-सीखने कहीं आते हैं तो इंदौर आते हैं: शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश CM
नई दिल्लीः केंद्र सरकार द्वारा कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण के बृहस्पतिवार को घोषित नतीजों में इंदौर को लगातार चौथे साल भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है।
सर्वेक्षण में इस बार दूसरा स्थान सूरत और तीसरा स्थान नवी मुंबई को मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को ‘गंगा किनारे बसा सबसे अच्छा शहर’ घोषित किया गया है। इस सूची में वाराणसी के बाद कानपुर, मुंगेर, प्रयागराज और हरिद्वार हैं। सौ से अधिक शहरी निकाय संस्था वाले राज्यों की श्रेणी में छत्तीसगढ़ को ‘सर्वाधिक स्वच्छ राज्य’ के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
इसके बाद महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश को स्थान मिला है। देश के पांचवें वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार 2020 की घोषणा केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक समारोह में की जहां विभिन्न श्रेणी में 129 पुरस्कार दिए गए।
नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद को “भारत की सबसे स्वच्छ राष्ट्रीय राजधानी
सर्वेक्षण में नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद को “भारत की सबसे स्वच्छ राष्ट्रीय राजधानी (राष्ट्रीय या राज्य की राजधानी/ संघ शासित प्रदेश)” बताया गया है। सरकार के अनुसार कुल 4,242 शहरों, 62 छावनी बोर्ड और गंगा किनारे बसे 97 शहरों का सर्वेक्षण किया गया और इसमें 1.87 नागरिकों ने भाग लिया।
एक से दस लाख की जनसंख्या वाली श्रेणी में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर को सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। इस श्रेणी में अंबिकापुर के बाद कर्नाटक का मैसूरु और नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद को स्थान मिला है। जालंधर छावनी बोर्ड को पहला, दिल्ली छावनी बोर्ड को दूसरा और मेरठ छावनी बोर्ड को तीसरा स्थान मिला है।
राज्यों की श्रेणी में झारखंड को सबसे स्वच्छ राज्य घोषित किया गया
सौ से कम स्थानीय संस्था वाले राज्यों की श्रेणी में झारखंड को सबसे स्वच्छ राज्य घोषित किया गया है। इस श्रेणी में झारखंड के बाद हरियाणा, उत्तराखंड, सिक्किम, असम और हिमाचल प्रदेश को स्थान मिला है। एक लाख से अधिक की जनसंख्या वाले सर्वाधिक स्वच्छ शहर की श्रेणी में इंदौर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है और इसके बाद सूरत, नवी मुंबई, विजयवाड़ा और अहमदाबाद का स्थान है।
एक लाख से कम की जनसंख्या वाले शहर की श्रेणी में महाराष्ट्र के कराड को पहला स्थान प्राप्त हुआ है। इस श्रेणी में सासवड और लोनावला को द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। सर्वेक्षण के परिणाम घोषित करने के बाद पुरी ने कहा, “स्वच्छ सर्वेक्षण से हमें स्वच्छ भारत अभियान- शहरी के तहत मिलने वाले लाभ बरकरार रखने में सहायता मिलेगी।
इससे हमें सभी शहरों में पूर्ण स्वच्छता के सिद्धांत को संस्थागत स्वरूप देने के लिए कार्ययोजना बनाने में भी सहायता मिलेगी।” पुरी ने ट्वीट किया, “प्राचीन शहर वाराणसी सही मायने में गंगा किनारे बसे शहरों में सबसे स्वच्छ है। इस लोकसभा सीट से प्रतिनिधि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को हार्दिक शुभकामनाएं। उनके नेतृत्व से इस शहर के लोगों को यह उपलब्धि हासिल करने की प्रेरणा मिली।”
47 शहरों में एसडीएमसी को 31वां व एनडीएमसी को 43 वां स्थान मिला
सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण की एक विशिष्ट श्रेणी में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) को देश के 47 शहरों में 31वां स्थान मिला है। इस सर्वेक्षण के नतीजे बृहस्पतिवार को घोषित किए गए। इस सर्वेक्षण में उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) को क्रमश: 43वां और 46वां स्थान मिला है।
दिल्ली के तीन नगर निगमों को 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में रखा गया है। इस श्रेणी में पटना को 47 वां स्थान मिला है। इंदौर को लगातार चौथे वर्ष भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है जबकि सूरत और नवी मुंबई ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया है।
हरदीप सिंह पुरी ने स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कारों की घोषणा की
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कारों की घोषणा की। इसमें विभिन्न श्रेणियों में 129 पुरस्कार दिए गए। सरकार के अनुसार, 'स्वच्छ सर्वेक्षण 2020' में कुल 4,242 शहरों, 62 छावनी बोर्डों और गंगा किनारे 97 शहरों का सर्वेक्षण किया गया और 1.87 करोड़ नागरिकों की भागीदारी हुयी।
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर को 10 लाख तक की आबादी की श्रेणी में सबसे स्वच्छ शहर का सम्मान मिला। इसके बाद कर्नाटक में मैसूर और नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद क्षेत्र है। जालंधर छावनी बोर्ड को पहला स्थान मिला वहीं दिल्ली छावनी बोर्ड और मेरठ छावनी बोर्ड को वार्षिक सर्वेक्षण में क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान मिला।
पुरी ने नतीजों की घोषणा करने के बाद कहा, “ स्वच्छता सर्वेक्षण स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत किए गए तय किए गए लक्ष्यों को हासिल करने में हमारी मदद करता रहेगा, वहीं हमारे सभी शहरों के बीच पूर्ण स्वच्छता की अवधारणा को संस्थागत बनाने के लिए एक व्यापक रोडमैप प्रदान करेगा।"