नयी दिल्लीः तमिलनाडु के मदुरै में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निर्माण कार्य से जुड़े मुद्दे पर शुक्रवार को लोकसभा में द्रमुक के सदस्यों ने हंगामा किया जिसके बाद उनके और सत्तापक्ष के सदस्यों के बीच नोकझोंक देखने को मिली। सदन में प्रश्नकाल के समय द्रमुक नेता टी आर बालू द्वारा पूरक प्रश्न पूछे जाने के दौरान मदुरै में एम्स के निर्माण कार्य का मामला उठा।
बालू ने सवाल किया, ‘‘आधारभूत संरचना के बिना कितने मेडिकल कॉलेज शुरू हुए? प्रधानमंत्री ने कितने ऐसे मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी जिनकी आधारभूत संरचना का काम अब तक पूरा नहीं हुआ है?’’ इसी दौरान द्रमुक के कुछ सदस्यों ने मदुरै में एम्स का उल्लेख करना शुरू कर दिया। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन में मदुरै में एम्स को लेकर चर्चा हो चुकी है।
हालांकि बालू के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, ‘‘राजनीति हर मुद्दे पर हो सकती है। मैं मानता हूं कि यहां राजनीति हो रही है। वे गुमराह कर रहे हैं कि मदुरै में एम्स नहीं है, जबकि वहां पढ़ाई चल रही है। सिर्फ आधारभूत अवसंरचना का काम बाकी है।’’ मांडविया ने कहा कि मैं ऐसे मेडिकल कॉलेज नहीं चलाऊंगा जहां पर्याप्त संकाय और बुनियादी ढांचा नहीं है। एम्स मदुरै की स्थापना पर काम चल रहा है। स्वास्थ्य को राजनीति का मुद्दा न बनाएं।" उन्होंने कहा कि एम्स के लिए जमीन समय पर नहीं मिल सकी थी।
मांडविया ने द्रमुक सदस्यों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘मदुरै में एम्स के संबंध में निविदा का काम आगे बढ़ रहा है। बिना कारण राजनीतिक मुद्दा बनाकर राजनीति की जा रही है। आप लोग अपने राज्य को गलत जानकारी क्यों दे रहे हैं?’’ उनका यह भी कहना था, ‘‘कई लोग कम शिक्षकों और कम मरीजों के साथ मेडिकल कॉलेज चला रहे हैं। बिना आधारभूत संरचना वाले ऐसे मेडिकल कॉलेजों पर शिकंजा कसा गया है। यह मोदी सरकार है। फायदे का व्यापार नहीं करती है।’’ इसके बाद द्रमुक सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और मंत्री की बात का विरोध करने लगे। फिर दोनों तरफ से नोकझोंक हुई। बिरला ने दोनों तरफ के सदस्यों को शांत कराया और फिर प्रश्नकाल आगे बढ़ा।
भाषा इनपुट के साथ