सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायाधीश महिला की जगह पुरुष सहायकों की कर रहे हैं माँग: CJI रंजन गोगोई

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 23, 2019 17:08 IST2019-04-23T13:50:54+5:302019-04-23T17:08:28+5:30

भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायधीशों ने महिला सहायकों की जगह पुरुष सहायक उपलब्ध कराए जाने की माँग की है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व सहायक महिला कर्मचारी ने सीजेआई गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए देश के 22 न्यायाधीशों को एक हलफनामा भेजा। सीजेआई गोगोई ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए इसे सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ साजिश बताया।

cji ranjan gogoi sexual harassment allegation case cji said supreme court judges are asking to remove female law clerks | सुप्रीम कोर्ट के कई न्यायाधीश महिला की जगह पुरुष सहायकों की कर रहे हैं माँग: CJI रंजन गोगोई

सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा कि सिर्फ पुरुष कर्मचारियों की तैनाती की मांग पूरी करना नामुमकिन है। (फाइल फोटो)

Highlightsमुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने जजों से यह भी कहा कि सिर्फ पुरुष कर्मचारियों की तैनाती की मांग पूरी करना नामुमकिन है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय में 60 प्रतिशत महिला स्टाफउच्चतम न्यायालय के कई जजों ने देर रात तक महिला लॉ क्लर्क से काम कराने में डर की बात भी कही

भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने एक हालिया बैठक में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के कई जजों ने अपने आवासीय दफ्तरों में महिला सहायक कर्मचारियों की जगह पुरुष सहायक कर्मचारियों की ही तैनाती की मांग की है। 

मुख्य न्यायाधीश ने इस आरोप को साजिश करार देते हुए सोमवार को जजों से मुलाकात में अपनी पीड़ा से अवगत कराया था। इस दौरान अन्य जजों ने उनके साथ मजबूती से खड़े रहने पर सहमति जताई। यह मीटिंग करीब 20 मिनट चली। 

सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व सहायक महिला कर्मचारी ने सीजेआई गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए देश के 22 न्यायाधीशों को एक हलफनामा भेजा। सीजेआई गोगोई ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए इसे सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ साजिश बताया। 

उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बताया कि इस दौरान कई अन्य जजों ने उनसे आवासीय दफ्तरों में सिर्फ पुरुष कर्मचारियों की ही तैनाती का आग्रह किया है ताकि ऐसी किसी भी स्थिति से बचा जा सके, जिसमें वह घिरे हैं।

हालांकि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने जजों से यह भी कहा कि सिर्फ पुरुष कर्मचारियों की तैनाती की मांग पूरी करना नामुमकिन है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय में 60 प्रतिशत महिला स्टाफ है। कई जजों ने देर रात तक महिला लॉ क्लर्क से काम कराने में डर की बात भी कही। 

जस्टिस गोगोई ने आरोपों का बताया अपमानजनक

उन्होंने कहा कि कई बार केस का सारांश या अन्य चीजें तैयार करने के लिए देर रात तक काम की जरूरत होती है। ऐसी स्थिति में पुरुष कर्मचारियों के साथ काम करना ज्यादा सहज है। खुद पर लगे आरोप को मिथ्या करार देते हुए उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि ऐसे तरीकों पर विचार करने की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई और उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या अन्य न्यायाधीश बेवजह न फंसे। 

कई जजों ने अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि बर्खास्त महिला ने अपने आरोप में कहा कि उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने शपथ ग्रहण समारोह में और लंच में उसे पति के साथ आमंत्रित किया था।

जज ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने जब पूरे स्टाफ को ही अपने पति या पत्नी के साथ आमंत्रित किया था तो फिर आरोप लगाने वाली महिला कैसे कह सकती है कि उससे करीबी दिखाने की कोशिश की।

 

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