अदालतों में लम्बित 5 करोड़ मुकदमों पर CJI रमण ने दिया जवाब, कहा- रिक्त पदों पर भर्ती न होना इसका मुख्य कारण

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 16, 2022 09:37 PM2022-07-16T21:37:07+5:302022-07-16T21:51:02+5:30

देश के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजीजू की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय अदालतों में पाँच करोड़ मुकदमे लम्बित होने का कारण बताया।

cji nv ramana responded to law minister kiren rijiju remark on 5 crore pending cases | अदालतों में लम्बित 5 करोड़ मुकदमों पर CJI रमण ने दिया जवाब, कहा- रिक्त पदों पर भर्ती न होना इसका मुख्य कारण

मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण

Highlightsदेश के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि भारतीय अदालतों में पाँच करोड़ मुकदमे लम्बित होने की मुख्य वजह न्यायिक सेवा की रिक्तियों पर भर्ती न होना है। मुख्य न्यायाधीश रमण कानून मंत्री किरण रिजीजू की उस टिप्पणी का जवाब दे रहे थे जिसमें अदालतों में लम्बित मामलों का मुद्दा उठाया गया था।

दिल्ली: कानून मंत्री किरन रिजीजू द्वारा भारतीय अदालतों में  पाँच करोड़ मामले लम्बित होने पर टिप्पणी करते हुए देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने शनिवार को कहा कि इसकी मुख्य वजह न्यायिक सेवा में रिक्त पदों पर भर्ती न होना है। 


शनिवार को रिजीजू और रमण दोनों ही जयपुर में आयोजित अखिल भारतीय न्यायिक सेवा अधिकारियों कि बैठक में शामिल हो रहे थे. कानून मंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मुकदमों की बढ़ती संख्या पाँच करोड़ होने वाली है लेकिन इस संख्या को सरकार और न्यायपालिका मिलकर कम कर सकते हैं। 

एनवी रमण ने कहा कि "मुझे खुशी है कि आपने लम्बित मुकदमों का मुद्दा उठाया। जब हम देश से बाहर जाते हैं तब भी यह सवाल पूछा जाता है कि आपके यहाँ एक मुकदमे की सुनवाई में कितना वक्त लगता है? आप सभी जानते हैं कि मुकदमे क्यों लम्बित होते हैं। मैं इसपर विस्तार से रोशनी डालना चाहूँग। मुख्य न्यायाधीशों और मुख्यमंत्रियों की बैठक में मैं पहले ही इस कारण की तरफ इशारा कर चुका हूँ। आप सभी जानते हैं कि इसाक मुख्य कारण न्यायिक सेवा में रिक्त पदों पर भर्ती न करना और न्यायिक व्यवस्था की बुनियादी सुविधाओं का मजबूत न होना है।"


रमण ने कहा कि लम्बित मामलों की संख्या में वृद्धि न्या व्यवस्था को अत्यधिक प्रभावित कर रही है। इसकी वजह से हमारी जेलों में विचारधीन कैदियों की संख्या अधिक होती जा रही है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि देश के 6.10 लाख कैदियों में से करीब 80 प्रतिशत विचारधीन कैदी हैं। देश के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ऐसे मामलों में लम्बी न्याय प्रक्रिया ही सजा बन चुकी है।

Web Title: cji nv ramana responded to law minister kiren rijiju remark on 5 crore pending cases

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