चार जजों द्वारा उठाए सवालों पर CJI ने की एटॉर्नी जनरल से चर्चा, पक्ष-विपक्ष में बंटे कानूनी जानकार
By भारती द्विवेदी | Updated: January 12, 2018 16:27 IST2018-01-12T14:18:45+5:302018-01-12T16:27:22+5:30
जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा है कि ये मामला सीबीआई जज बीएच लोया के मामले से जुड़ा हुआ है।

चार जजों द्वारा उठाए सवालों पर CJI ने की एटॉर्नी जनरल से चर्चा, पक्ष-विपक्ष में बंटे कानूनी जानकार
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों द्वारा उठाए गये सवालों के मद्देनजर देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से खुली अदालत में चर्चा की। सुप्रीम कोर्ट के चार जजों जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कूरियन जोसेफ ने शुक्रवार (12 जनवरी) को प्रेस वार्ता करके कहा कि सुप्रीम कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। जजों ने मीडिया को सात पन्नों का एक पत्र जारी किया है जो उन्होंने चीफ जस्टिस को लिखा था।
चार जजों के प्रेस कान्फ्रेंस करने के बाद लोगों के अलग-अलग रिएक्शन आने लगे हैं। जानिए जजों के इस आरोप पर सीनियर वकीलों ने क्या कहा।
सीनियर वकील सलमान खुर्शीद
मैं बहुत दुखी हूं। बहुत तकलीफ की बात है कि सर्वोच्च न्यायालय पर इतना दबाव बनाया जा रहा है कि वो अब मीडिया से बात करने को मजबूर हैं।
सीनियर वकील उज्जवल निकम
ये न्यायपालिका के लिए काला दिन है। आज के प्रेस कॉंफ्रेंस के बाद हर कोई न्यायपालिका के फैसले को शक की निगाहों से देखेगा। अब हर फैसले पर सवाल उठने शुरू हो जाएंगे।
सीनियर वकील प्रशांत भूषण
यह बहुत बड़ी घटना है जिसने चीफ जस्टिस के पद पर एक धब्बा लगा दिया है। किसी को तो इस बात को समाने लाना ही था, जहां चीफ जस्टिस अपने ताकत का गलत इस्तेमाल कर रह था।
रिटायर्ड जस्टिस आरएस सोढ़ी
मेरे ख्याल से चारों जजों को हटा देना चाहिए। उनका काम अब फैसले सुनाना नहीं रहा। लोकतंत्र खतरे में है- ऐसा कहने का अधिकार उन्हें नहीं है। उसके लिए हमारे पास संसद, कोर्ट और पुलिस है।