नागरिकता संशोधन बिल: पूर्वोत्तर में विरोध जारी, AASU ने कहा, 'सरकार हम पर बिल थोप नहीं सकती'

By अभिषेक पाण्डेय | Published: December 5, 2019 11:04 AM2019-12-05T11:04:39+5:302019-12-05T11:04:39+5:30

Citizenship Amendment Bill: नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों में विरोध प्रदर्शन जारी है,

Citizenship Amendment Bill: Northeast states protests continue | नागरिकता संशोधन बिल: पूर्वोत्तर में विरोध जारी, AASU ने कहा, 'सरकार हम पर बिल थोप नहीं सकती'

नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पूर्वोत्तर में विरोध प्रदर्शन जारी है

Highlightsनागरिकता संशोधन बिल को लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों का विरोध जारी हैऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन ने कहा, 'करेंगे विरोध प्रदर्शन तेज'

नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर पूर्वोत्तर भारत में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। इस बिल से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, जैन बौद्ध, ईसाई और पारसी लोगों को भारतीय नागरिकता मिल सकेगी। 

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को ही इस बिल को संसद में पेश किए जाने को मंजूरी है और इसके अगले कुछ दिनों में संसद में पेश किए जाने की संभावना है।

लेकिन नागरिकता संशोधन बिल का खासतौर पर पूर्वोत्तर में विरोध तेज हो गया है। ऑल इंडिया असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) समेत पूर्वोत्तर के कई संगठनों ने इस प्रस्तावित कानून का विरोध करने का फैसला किया है।     

पूर्वोत्तर में क्यों हो रहा है नागरिकता संशोधन बिल का विरोध?

पूर्वोत्तर राज्यों में इसके विरोध की मुख्य वजह उनकी दो चिंताएं हैं। पहली, इस कानून से दशकों से बांग्लादेश से इन राज्यों में आकर बसने वाले गैर-मुस्लिमों की बड़ी आबादी को नागरिकता मिल जाएगी और दूसरी-इससे 1985 का असम प्रावधान बेकार हो जाएगा, जिसमें नागरिकता के लिए पात्र होने की तारीफ 24 मार्च 1971 रखी गई थी। 

इस बिल का विरोध कर रहे संगठनों का तर्क है कि सीएबी से सरकार ने नागरिकता के मुद्दे को धर्म से जोड़ दिया है और इस कानून से खासतौर पर असम में गैर-मुस्लिम प्रवासियों को फायदा पहुंचेगा। 

पूर्वोत्तर के लिए नागरिकता बिल में दो अपवाद

पूर्वोत्तर राज्यों के विरोध को देखते हुए सरकार ने नागरिकता बिल में दो अपवाद जोड़े हैं। इसके मुताबिक, सीएबी छठी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में लागू नहीं होगा (जो स्वायत्त आदिवासी बहुल क्षेत्रों से संबंधित है), जिनमें असम, मेघायल, त्रिपुरा और के क्षेत्र मिजोरम शामिल हैं। 

साथ ही ये बिल उन राज्यों पर भी लागू नहीं होगा जहां इनर लाइन परमिट है (अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिजोरम)।

असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में विरोध जारी

इन मुद्दों पर चर्चा के लिए ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU) ने मंगलवार को असम, नागालैंड और मणिपुर के संगठनों के साथ गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। यूनियन का दावा है कि ये नागरिकता बिल असम की जनता के हितों के खिलाफ है। 

एनबीटी के मुताबिक, इस बिल का विरोध करने के लिए AASU ने 30 अन्य संगठनों के साथ बुधवार से तीन दिवसीय राज्य व्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया है।

AASU ने कहा है कि वह असम को बांग्लादेश नहीं बनने देगी। इस संगठन का कहना है कि सरकार बहुमत का फायदा उठाकर सीएबी को थोप नहीं सकती है, ये गैरकानूनी और असंवैधानिक है।

Web Title: Citizenship Amendment Bill: Northeast states protests continue

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