जानिए कैसे अस्थायी जेल बना दिए गए दिल्ली के दो स्टेडियम, दिल्ली में CAA के खिलाफ प्रदर्शन का पूरा घटनाक्रम

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 20, 2019 13:58 IST2019-12-20T13:58:22+5:302019-12-20T13:58:22+5:30

गुरुवार को पुलिस ने लाल किला, मंडी हाउस के अलावा जामिया विश्वविद्यालय के आस-पास भी धारा 144 लागू कर दी थी। साथ ही मंगलवार और रविवार को हुए हिंसक प्रदर्शन से सबक लेते हुए पुलिस ने कई एहतियातन कदम उठाए। उत्तरी और केंद्रीय दिल्ली से लगभग 30-40 किलो मीटर दूर स्थित दो स्टेडियमों को अस्थायी जेल बना दिया गया।

Citizenship amendment act protest: How two stadium of delhi turn into temporary jail | जानिए कैसे अस्थायी जेल बना दिए गए दिल्ली के दो स्टेडियम, दिल्ली में CAA के खिलाफ प्रदर्शन का पूरा घटनाक्रम

जानिए कैसे अस्थायी जेल बना दिए गए दिल्ली के दो स्टेडियम, दिल्ली में CAA के खिलाफ प्रदर्शन का पूरा घटनाक्रम

Highlights प्रदर्शनकारियों को उत्तरी और केंद्रीय दिल्ली से लगभग 30-40 किलो मीटर दूर दो स्टेडियमों में रखा गया। पुलिस ने 400 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को लगभग 6 घंटो तक अस्थायी हवालात में रखा।पुलिस ने लाल किला, मंडी हाउस के अलावा जामिया विश्वविद्यालय में भी धारा 144 लागू की थी।

राजधानी दिल्ली के दो स्टेडियम (राजीव गांधी स्टेडियम और महाराजा सूरजमल स्टेडियम) को पुलिस ने गुरुवार को अस्थायी हवालात बना दिया जिसमें 400 से ज्यादा लोगों को लगभग 6 घंटो तक हिरासत में रखा गया। हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने गुरुवार को हुए प्रदर्शनों में करीब 1200 लोगों को हिरासत में लिया, जिसमें अगल-अलग राजनीतिक पार्टियों के नेता भी शामिल थे। ये सभी लोग उत्तरी और केंद्रीय दिल्ली में  'नागरिकता संशोधन कानून' को रद्द करने की मांग कर रहे थे।

पुलिस ने बताया कि इन लोगो के पास प्रर्दशन करने की अनुमति नहीं थी। जिसमें बाकी लोगों को दिल्ली के आधे दर्जन पुलिस स्टेशनों में रखा गया है। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को दिल्ली के लाल किला, दिल्ली गेट, दरियागंज, आईटीओ और मंडी हाउस से उठाकर बसों में ले जाया गया था।

करीब 6 घंटे तक हिरासत में रखने के बाद शाम करीब सात बजे सभी को छोड़ दिया गया। हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों में पूर्व कांग्रेसी सांसद संदीप दीक्षित, स्वराज इंडिया पार्टी के योगेंद्र यादव, सीताराम येचुरी और डी राजा जैसे बड़े वामपंथी नेताओं को भी हिरासत में रखा गया।

गुरुवार को पुलिस ने लाल किला, मंडी हाउस के अलावा जामिया विश्वविद्यालय के आस-पास भी धारा 144 लागू कर दी थी। साथ ही मंगलवार और रविवार को हुए हिंसक प्रदर्शन से सबक लेते हुए पुलिस ने कई एहतियातन कदम उठाए। उत्तरी और केंद्रीय दिल्ली से लगभग 30-40 किलो मीटर दूर  दो स्टेडियमों में प्रदर्शनकारियों को रखा गया है।

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार योगेंद्र यादव ने बताया, 'हाल ही में पास किया गया 'नागिरकता संशोधन कानून'भारत पर सबसे बड़ा हमला है। संविधान और हम इसका विरोध करते  हैं। यह आजादी के बाद पहली बार हुआ है, जब हमारी को नागरिकता धर्म से जोड़ा गया है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने ऐसे विचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। यह कानून हमारे संविधान की आत्मा के खिलाफ है।'

दिल्ली के पूर्व कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष अजय माकन के बेटे ओजस्वी माकन, बेटी और पत्नी को भी मंडी हाउस से पकड़कर नजरबंद किया गया। ओजस्वी माकन ने बताया, "जब मैं मंडी हाउस पहुंचा, वहां पर मुश्किल से कोई प्रदर्शनकारी थे। वहां पर बस पत्रकार थे जो  हमारा इंटरव्यू ले रहे थे। अचानक पुलिस ने आकर मेरा कॉलर पकड़ा और मुझे  खींचकर बस में डाल दिया। ना हमारे पास तख्तियां थीं और ना ही हम स्लोगन लगा रहे थे। वहां पर  हम तीनों एक इकट्ठे थे और हम धारा 144 का भी उल्लंघन नहीं कर रहे थे।"

सीपीआई (एम) पार्टी ने  हैशटेग #NOtoCAA के साथ  ट्वीट कर कहा  "प्रदर्शनकारियों को मंडी हाउस से पकड़कर नजरबंद किया जा रहा है। जिसमें  कम्युनिस्ट पार्टियों के वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। सरकार के इस रवैये का हम विरोध करते हैं। वो लोकतंत्र के साथ ऐसा खिलवाड़ नही कर सकती है। शर्म आनी चाहिए।" 

लाल किले से किए गए प्रदर्शनकारियों में ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (AISA) की अध्यक्षा सूचेता डे और छात्र नेता उमर खालिद को भी नजरबंद किया गया था।

उमर खालिद ने ट्वीट कर कहा "हमें दिल्ली पुलिस ने लाल किला से उठा लिया है। हम अशफाक और बिस्मिल की शहादत के दिन विभानकारी सीएबी और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने लिए इकट्ठें हुए थे। मैं सभी से शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने रहने की गुजारिश करता हूं, जबतक असंवैधानिक सीएबी और एनआरसी को वापस नहीं लिया जाता"

दिल्ली पुलिस उपायुक्त गौरव शर्मा ने बताया, "लगभग 70 प्रदर्शनकारियों को राजीव गांधी स्टेडियम में लाया गया था। हमने दरवाजें खुले रखे थे, ताकि वो बाहर निकल सकें और अंदर जा सकें। क्योंकि ठंड बहुत ज्यादा थी। हमनें हिरासत में  लिए गए प्रदर्शनकारियों  के लिए बिस्तरों का प्रबंध किया था। उसके बाद सभी प्रदर्शनकारियों को छोड़  दिया गया था।"

Web Title: Citizenship amendment act protest: How two stadium of delhi turn into temporary jail

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