Asaduddin Owaisi Citizenship Amendment Act:असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता कानून पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। ओवैसी ने कहा कि हमारा मामला सीएए को चुनौती देने वाला है और पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में है, लेकिन उस समय भारत सरकार ने कहा था कि नियम अभी तक नहीं बनाए गए हैं। अब सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है और नियम बना दिए हैं।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार असंवैधानिक कानून के आधार पर नागरिकता देने लगेगी तो ये नुकसानदायक हो सकता है। ये सरकार कह रही है कि अगर आपका धर्म इस्लाम है तो हम आपको नागरिकता नहीं देंगे। इसके लिए हम सुप्रीम कोर्ट गए हैं। यहां बताते चले कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित किया गया।
एएनआई की खबर के अनुसार, असदुद्दीन ओवैसी के वकील एडवोकेट निज़ाम पाशा ने 2019 में एक याचिका दायर की थी जब सीएए पारित किया गया था, अनुच्छेद 21 और 25 में इसकी संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी। उस समय अंतरिम रोक के आवेदन पर बहस नहीं हुई क्योंकि केंद्र सरकार के वकीलों ने कहा था कि उनका अधिनियम को तुरंत लागू करने का कोई इरादा नहीं था।
अब चार साल बाद सरकार ने अधिनियम को क्रियान्वित करने के लिए नियमों को अधिसूचित किया है और इसलिए हम अधिनियम और नियमों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने के लिए एक अंतरिम आवेदन दायर कर रहे हैं।
सीएए पर क्या बोले थे गृह मंत्री
बीते दिनों पहले एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह से जब सीएए पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि शरीयत का समर्थन करने वाले सीएए का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएए कभी वापस नहीं लिया जाएगा। हमारे देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना हमारा संप्रभु निर्णय है, हम इस पर कभी समझौता नहीं करेंगे।