'योगी सरकार के निर्देश पर चिन्मयानंद को बचा रही SIT, मेरी बेटी के खिलाफ कोई सबूत नहीं, केस वापस लेने का बनाया जा रहा दबाव'
By रामदीप मिश्रा | Updated: September 26, 2019 08:11 IST2019-09-26T07:39:13+5:302019-09-26T08:11:33+5:30
स्वामी सुखदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल कर कहा था कि उसे चिन्मयानंद से अपनी जान को खतरा है एवं इस सन्यासी ने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है।

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पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लॉ छात्रा की, उनसे पांच करोड़ रुपये मांगे जाने के मामले में बुधवार को गिरफ्तार को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके बाद पीड़िता की ओर से जमानत अर्जी लगाई गई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है। वहीं, पीड़िता के पिता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस चिन्मयानंद को बचा रही है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के पिता का कहना है कि एसआईटी ने उनकी बेटी को झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और एसआईटी ने उसे झूठे आरोपों में दर्शाया है कि वह उन तीन युवकों (जबरन वसूली मामले में गिरफ्तार) के साथ थी। यह सब झूठ है। मेरी बेटी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरी बेटी ने अपने बयान में कभी किसी अपराध को स्वीकार नहीं किया। एसआईटी मीडिया में झूठ फैला रही है।
उन्होंने कहा कि हमें अब यकीन है कि एसआईटी राज्य सरकार के निर्देशों पर काम कर रही थी। पहले दिन से वह चिन्मयानंद को मामले में बचाना चाहती थी। मेरी बेटी के बयान के बाद सबूत के बावजूद SIT ने बलात्कार के आरोप में चिन्मयानंद को कभी नहीं बुक किया। राज्य सरकार के निर्देश पर एसआईटी ने हम पर दबाव बनाना चाहा ताकि हम चिन्मयानंद के खिलाफ केस बंद कर दें।
पीड़िता के पिता ने कहा कि एसआईटी ने मंगलवार को भी उसकी बेटी को गिरफ्तार करने का प्रयास किया था जब वह अग्रिम जमानत की सुनवाई के लिए जा रही थी। एसआईटी ने मेरी बेटी को अदालत से पहले ही रोका और उसके अधिकारी उसे अपने साथ ले जाने की कोशिश कर रहे थे। मेरी बेटी ने मुझे फोन किया और मैं कुछ वकीलों के साथ घटनास्थल पर पहुंचा। जब हमने आपत्ति दर्ज की तो एसआईटी ने उसे अदालत की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी। सुनवाई के दौरान एसआईटी अदालत में मौजूद रही।
उल्लेखनीय है कि स्वामी सुखदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल कर कहा था कि उसे चिन्मयानंद से अपनी जान को खतरा है एवं इस सन्यासी ने कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर दी है। इसके बाद पीड़िता के पिता ने कोतवाली में चिन्मयानंद के विरुद्ध अपहरण और जान से मारने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मामले की जांच एसआईटी कर रही थी जिसमें पीड़िता को दोषी पाते हुए उसे जेल भेज दिया गया।
एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने बताया कि हमने लड़की से गहन पूछताछ की, सारे वीडियो दिखाये और आवाज सुनायी। इस बात का स्पष्ट साक्ष्य है कि पांच करोड़ रूपये की मांग की गयी थी। मामले में चिन्मयानंद समेत पांच आरोपियों को विशेष एसआईटी जेल भेज चुकी है।
चिन्मयानंद प्रकरण में पीड़िता की जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उसके अधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने पत्रकारों को बताया कि वह गुरुवार सत्र न्यायाधीश के यहां जमानत की अर्जी दाखिल करेंगे। त्रिवेदी ने कहा कि पीड़िता ने जो 12 पेज की शिकायत दिल्ली पुलिस को दी थी, उसमें बलात्कार होने की बात कही गई है और चिन्मयानंद पर तमाम आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद भी एसआईटी ने धारा 376सी चिन्मयानंद पर लगाई है जबकि इसमें कई बड़ी धाराएं चिन्मयानंद पर लगानी चाहिए थी।
वहीं चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की गयी है। चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने बताया कि आज उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री की जमानत की अर्जी जिला जज की अदालत में दी है जिस पर सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख तय हुई है।