लद्दाख में LAC पर हिंसक झड़प के बाद चीन ने कहा- भारत ऐसी कार्रवाई नहीं करे जिससे हालात बिगड़े
By विनीत कुमार | Published: June 16, 2020 02:11 PM2020-06-16T14:11:28+5:302020-06-16T14:26:30+5:30
भारत-चीन सीमा विवाद में भारतीय सेना से एक अफसर सहित दो जवान शहीद हो गये हैं। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम करने को लेकर कोशिशें भी जारी हैं।
लद्दाख में सीमा पर बढ़े हुए तनाव के बीच चीन ने भारत से कोई भी एकतरफा कार्रवाई नहीं करने को कहा है। चीन के ग्लोबल टाइम्स के अनुसार चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत को कोई भी एकतरफा कार्रवाई करने और विवाद को और बढ़ाने से बचना चाहिए।
बता दें कि भारतीय सेना की ओर से मंगलवार दोपहर ये जानकारी दी गई है कि लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच 'हिंसक झड़प' में एक भारतीय अफसर और दो जवान शहीद हो गये हैं। ये घटना सोमवार रात की है।
China has lodged solemn representations with the Indian side and urged it to strictly restrain its frontline troops from crossing the border or taking any unilateral action that may complicate the border situation, China's Global Times quotes their Foreign Minister
— ANI (@ANI) June 16, 2020
चीन ने लगाया भारत पर आरोप
चीन की ओर से साथ ही भारतीय सैनिकों द्वारा बॉर्डर को क्रॉस करने का आरोप लगाया गया। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्त झाओ लिजियान की ओर से पत्रकारों को बताया गया कि सोमवार को भारतीय दल ने दो बार बॉर्डर पार किया था। बीजिंग की ओर से कहा गया, 'ये उकसाने और चीन सैनिकों पर हमले जैसा था। इसके कारण दोनों ओर से तनातनी बढ़ गई और झड़प हुई। बीजिंग ने दिल्ली के सामने अपना मजबूत विरोध दर्ज कराया है।'
न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार चीन की ओर से आगे कहा गया, 'हम फिर से निवेदन करते हैं कि भारत प्रासंगिक रवैया अपनाए और अपने अग्रिम पंक्ति के सैनिकों को रोके। वे सीमा पार न करें, परेशानी को भड़काएं नहीं, एकतरफा कार्रवाई न करें जो सीमा की स्थिति को और बिगाड़ दे।'
चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से साथ ही कहा गया कि चीन और भारत द्विपक्षीय बातचीत करके ही मामले का हल निकाल सकते हैं। इससे सीमा का विवाद खत्म होगा और एलएसी पर शांति होगी।
गौरतलब है कि बीते कई हफ्तों से गलवान घाटी में बड़ी संख्या में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने खड़े थे। यह घटना भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के उस बयान के कुछ दिन बाद हुई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के सैनिक गलवान घाटी से पीछे हट रहे हैं।