डोकलाम: सेटेलाइट तस्वीर को चीन ने बताया सही, कहा टिप्पणी ना करे भारत
By भारती द्विवेदी | Updated: January 19, 2018 19:03 IST2018-01-19T18:51:10+5:302018-01-19T19:03:43+5:30
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि चीन वैध तथा न्यायपूर्ण तरीके से अपने अधिकार क्षेत्र में निर्माण कार्य करा रहा है।

डोकलाम: सेटेलाइट तस्वीर को चीन ने बताया सही, कहा टिप्पणी ना करे भारत
17 जनवरी को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने सेटेलाइट तस्वीर का हवाला देते हुए, ये दावा किया था कि चीन ने विवादित क्षेत्र डोकलाम में सैन्य ठिकाने बनाए हैं। दिसंबर-जनवरी की ये तस्वीर गूगल अर्थ की सहायता से ली गई थी। मीडिया में खबर आने के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार ने 18 जनवरी को इन खबरों को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा- ''हमारा ध्यान कुछ खबरों की ओर गया है, जो डोकलाम में मौजूदा हालात के संबंध में सरकार की ओर से बताई गयी स्थिति की सटीकता पर सवाल खड़ा करती हैं।"
लेकिन अब चीन ने इस खबर को सही बता दिया है। चीन की तरफ से ये कहा गया है कि डोकलाम में सैनिकों की जरूरत के लिए बुनियादी विकास कार्य जारी है। वो भी पूरी वैध तरीके से। सेटेलाइट तस्वीरों को चीन सही ठहरा दिया है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने उन तस्वीरों के बारे में पूछने पर कहा कि वे इन तस्वीरों के बारे में विस्तार से कुछ नहीं जानते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि इस प्रकार की तस्वीरें किसने जारी की हैं।
उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि डोकलाम हमेशा से चीन का हिस्सा रहा है और चीन के अधिकार क्षेत्र में है। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में कोई मतभेद नहीं है।
लू ने कहा कि चीन वैध तथा न्यायपूर्ण तरीके से अपने अधिकार क्षेत्र में निर्माण कार्य करा रहा है। भारतीय सीमा में चल रहे निर्माण कार्य पर जैसे चीन कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है, वैसे ही वे भी उम्मीद करते हैं कि दूसरे देश चीन में हो रहे निर्माण कार्य पर कोई बयानबाजी नहीं करेंगे।
भूटान की दावेदारी वाले डोकलाम पर भारत और चीन के सैनिक 73 दिनों तक आमने-सामने डटे रहे थे। भारतीय सैनिकों द्वारा भारतीय सीमा में स्थित राजमार्ग के समीप चीन के डोकलाम में सड़क निर्माण कार्य रोकने के बाद दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने आ गए थे।
दोनों पक्षों ने अगस्त में अपने-अपने सैनिकों को एक साथ पीछे बुलाकर इस समस्या को सुलझा लिया था। खबरों के अनुसार चीन इस क्षेत्र में आधारभूत संरचनाएं खड़ी कर यहां अपनी पकड़ मजबूत करने में व्यस्त है।