पैंगोग त्सो के अपने कब्जे वाले हिस्से में चीन ने तेज की गतिविधियां, नावों के परिचालन के लिए बनाई जेटी

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 28, 2023 19:13 IST2023-07-28T19:11:59+5:302023-07-28T19:13:49+5:30

चीन ने अपने हिस्से वाले इलाके में झील में नावों के परिचालन के लिए एक जेटी बनाई थी जिसे फिर से चालू किया गया है। ये जेटी कोविड-19 के प्रकोप और गलवान में हुई झड़प के बाद से लगभग तीन साल से बंद थी।

China intensifies activities in its occupied part of Pangog Tso jetty built for boat operations | पैंगोग त्सो के अपने कब्जे वाले हिस्से में चीन ने तेज की गतिविधियां, नावों के परिचालन के लिए बनाई जेटी

लद्दाख में 14 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद खारे पानी की झील पैंगोग

Highlightsपैंगोग त्सो की खूबसूरती के दीवाने पूरी दुनिया में हैं इसका लगभग 90 किलोमीटर का बड़ा इलाका चीन के हिस्से में हैअपने कब्जे वाले हिस्से में चीन ने तीन साल बाद गतिविधियां तेज कर दी हैं

नई दिल्ली: लद्दाख में 14 हजार फीट की ऊंचाई पर मौजूद खारे पानी की झील पैंगोग की खूबसूरती के दीवाने पूरी दुनिया में हैं। 135 किलोमीटर लंबी इस झील का 45 किलोमीटर क्षेत्र भारत के हिस्से में है जबकि लगभग 90 किलोमीटर का बड़ा इलाका चीन के हिस्से में है। अपनी अद्भुत खूबसूरती के लिए मशहूर पैंगोंग त्सो के अपने कब्जे वाले हिस्से में चीन ने तीन साल बाद गतिविधियां तेज कर दी हैं।

चीन ने अपने हिस्से वाले इलाके में झील में नावों के परिचालन के लिए एक जेटी बनाई थी जिसे फिर से चालू किया गया है। ये जेटी कोविड-19 के प्रकोप और गलवान में हुई झड़प के बाद से लगभग तीन साल से बंद थी। चीन में पैंगोंग के इस हिस्से को न्याक त्सो कहते हैं। न्याक त्सो के अलावा चीन ने सिरिजाप और नांगचुंग में भी अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं और इन क्षेत्रों में चीनी वाहन पर्यटकों को लेकर आते-जाते देखे जा सकते हैं।

लंबे समय तक दुनिया की नजरों से दूर रहने वाली झील पैंगोंग में पिछले कुछ सालों से भारत और चीन दोनों देशों ने अपनी गतिविधियों में तेजी दी है। चीन और भारत दोनों अब पैंगोंग तक जाने की इजाजत देते हैं। भारत की कोशिश जहां सुदूर सीमावर्ती इलाकों में आम नागरिकों का आवाजाही को बढ़ावा देना है वहीं चीन के लिए ये 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से इस क्षेत्र पर अपनी पकड़ मजबूत करने का एक तरीका है। 

बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति को लेकर चीन और भारत के बीच अभी भी मतभेद हैं। जिन क्षेत्रों को लेकर मतभेद है उनमें पैंगोंग का क्षेत्र भी आता है। हालांकि चीन द्वारा अपने हिस्से में शुरू की गतिविधियां से भारत को कोई सामरिक चिंता नहीं है। लेकिन भारतीय सेना चीन की ऐसी हरकतों पर नजर बनाए रखती है।

Web Title: China intensifies activities in its occupied part of Pangog Tso jetty built for boat operations

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