अरुणाचल प्रदेश: भारत के आगे झुका चीन, एलएसी पर नहीं बनाएगा सड़क, डोकलाम में घटाए सैनिक
By रामदीप मिश्रा | Published: January 9, 2018 08:01 AM2018-01-09T08:01:44+5:302018-01-09T08:39:02+5:30
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि दो दिन पहले हुई बीपीएम की बैठक में ट्यूटिंग की घटना का समाधान हो चुका है।
चीन अरुणाचल प्रदेश के ट्यूटिंग इलाके में बिशिंग के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सड़क निर्माण कार्य को रोकने के लिए तैयार हो गया है। वहीं, भारतीय सैनिकों के द्वारा पिछले महीने जब्त किए गए चीनी श्रमिकों के सड़क बनाने के उपकरण वापस लौटाए जाएंगे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार (आठ जनवरी) को कहा कि दो दिन पहले हुई बीपीएम की बैठक में ट्यूटिंग की घटना का समाधान हो चुका है। साथ ही डोकलाम मामले में सिक्किम-भूटान-तिब्बत को लेकर 73 दिन तक सेनाएं एक दूसरे की आंख से आंख मिलाए रहीं। अब यह टकराव बंद हो गया है और वहां चीन ने अपनी सेना को बड़ी संख्या में कम किया है।
इसके अलावा सेना प्रमुख ने कहा कि कि भारत अगले युद्ध में भारत में निर्मित यानी स्वदेशी हथियारों से लड़ेगा। दिल्ली में आयोजित एक सेमिनार में जनरल रावत ने कहा कि हम धीरे-धीरे हथियारों की आयात को कम करने की दिशा की ओर बढ़ रहे हैं। अब इस बात को पुख्ता करने का समय आ गया है कि हम अगली लड़ाई अपने देश में बने हथियारों के दम पर लड़ें।
अपने बेबाक बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले जनरल रावत ने पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तानी सेना जिस तरह से कार्रवाई कर रही है और जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में आंतकवाद बढ़ रहा है, उससे लगता नहीं कह वह सीमा पर शांति चाहता है।
बता दें कि केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद हथियारों के निर्माण और उनकी खरीदी के लिए कई कदम उठाए गए हैं। सरकार के प्रयासों और कंपनियों से हुए समझौते के बाद तय हुआ है कि वह इस क्षेत्र से जुड़े अपने उत्पादों का निर्माण भारत में ही करें। वहीं एक ओर जहां सरकार ने देश की ऑर्डिनेंस फैक्टिरियों के ऑर्डर को मंजूरी दी है तो वहीं दूसरी ओर देश में निर्मित किए जा हथियारों को सरकार ने 'मेक इन इंडिया' योजना से जोड़ा है।