चीफ ऑफ डिफेंस चार स्टार जनरल होंगे, जानें क्या हैं उनकी शक्तियां, किसे करेंगे रिपोर्ट

By स्वाति सिंह | Updated: December 25, 2019 17:25 IST2019-12-25T17:23:55+5:302019-12-25T17:25:54+5:30

15 अगस्त को पीएम की घोषणा के बाद ही सरकार ने एनएसए अजीत डोवाल के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया था जिसने तीन महीनों के भीतर सीडीएस की भूमिका, चार्टर और सरकार में उसकी भूमिका पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी।

Chief of Defense will be four star journal, know what their powers are, who will report | चीफ ऑफ डिफेंस चार स्टार जनरल होंगे, जानें क्या हैं उनकी शक्तियां, किसे करेंगे रिपोर्ट

प्रतीकात्मक तस्वीर

Highlightsकेंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (CDS) के नियुक्ति की मंजूरी दे दीसीडीएस सैन्य सुरक्षा मसले पर रक्षा मंत्री के मुख्य सलाहकार होंगे

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रक्षा प्रबंधन में सुधार के साथ 4 स्टार जनरल वाले देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (CDS) के नियुक्ति की मंजूरी दे दी। सरकार द्वारा जारी की गई जानकारी के मुताबिक की मानें तो सीडीएस सैन्य सुरक्षा मसले पर रक्षा मंत्री के मुख्य सलाहकार होंगे, जिनका वेतन बाकी तीनों सेना प्रमुख के बराबर होगा। इसके साथ सीडीएस पद से रिटायर होने के बाद कोई सरकारी पद नहीं ले सकेगा और पांच साल तक बिना सरकार की इजाजत के प्राइवेट कंपनी या कॉरपोरेट में नौकरी नहीं कर पाएंगे।

क्या है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद?

15 अगस्त को पीएम की घोषणा के बाद ही सरकार ने एनएसए अजीत डोवाल के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया था जिसने तीन महीनों के भीतर सीडीएस की भूमिका, चार्टर और सरकार में उसकी भूमिका पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। सीडीएस सरकार और रक्षा मंत्री का उन मामलों पर प्रिंसिपल मिलिट्री एडवाइजर होगा जो तीनों सेनाओं से जुड़े हुए साझा मामले होंगे। सीडीएस तीनों सेनाओं-थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख पहले की ही तरह रक्षा मंत्री को ही रिपोर्ट करेंगे। सरकार ने साफ कर दिया कि सीडीएस सीधे तौर से थलसेना, वायुसेना और नौसेना के कमांड और यूनिट्स को कंट्रोल नहीं करेगा। लेकिन उसके अंतर्गत सेना के तीनों अंगों के साझा कमांड और डिवीजन होंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सरकार के इस फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि ये देश के हायर डिफेंस मैनेजमेंट में एक सुधार की तरह है।

यह भी बताया जा रहा है कि सीडीएस की नियुक्त का मकसद भारत के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना है। सीडीएस तीनों सेनाओं केपरिचालन, लॉजिस्टिक्‍स, आवाजाही, प्रशिक्षण, सहायक सेवाओं, संचार, मरम्‍मत एवं रखरखाव इत्‍यादि में संयुक्तता सुनिश्चित करेंगे। साथ ही सेनाओं के आधुनिकिकरण में भी सीडीएस की मुख्य भूमिका होगी। सीडीएस की सेनाओं के फाइव ईयर डिफेंस एक्युजेशन प्लान यानि सेनाओं के पांच साल के रक्षा बजट को भी लागू करने में अहम भूमिका होगी। भविष्य में सीडीएस तीनों सेनाओं के साझा 'थियेटर कमांड' बनाने में भी अहम भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी के सैन्य सलाहकार के रूप में भी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ काम करेंगे।

क्यों पड़ी चीफ ऑफ स्टाफ की जरुरत

1999 में कारगिल समीक्षा समिति ने सरकार को एकल सैन्य सलाहकार के तौर पर चीफ आफ डिफेंस स्टाफ के सृजन का सुझाव दिया था। सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के नेतृत्व वाली उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी। इस समिति ने सीडीएस की जिम्मेदारियों और ढांचे को अंतिम रूप दिया था। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को घोषणा की थी कि भारत में तीनों सेना के प्रमुख के रूप में सीडीएस होगा।
 

Web Title: Chief of Defense will be four star journal, know what their powers are, who will report

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