पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आज जनता दरबार के दौरान पुलिस की कारतूतों और अपने ही दल जदयू विधायक के कारनामें से दो चार होना पड़ा है.
मुख्यमंत्री बारी-बारी से फरियादियों की शिकायत सुन रहे थे. इस दौरान मुख्यमंत्री के सामने यौन शोषण और कुकर्म के दो मामले सामने आये. इसी कड़ी में दो महिलाएं मुख्यमंत्री के पास पहुंची. उनमें से एक ने डीएसपी पर यौन शोषण का आरोप लगाया तो दूसरे ने दारोगा पर. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने सोमवार को एक युवती ने राज्य के पुलिस मुखिया पर गंभीर आरोप लगा दिए.
समस्तीपुर की युवती ने बताया कि उसने एसटीएफ के डीएसपी अमन कुमार पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. लेकिन पांच महीने बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई. जब इसकी शिकायत लेकर डीजीपी के पास पहुंची तो उन्होंने ऐसी बात कह दी जो उसे काफी नागवार गुजरी. युवती ने मुख्यमंत्री को बताया कि वह बीते शुक्रवार को डीजीपी के पास पहुंची.
लेकिन डीजीपी ने उसे कहा कि लड़कियां पहले तो अपनी अदा से लड़कों को फंसाती है और फिर आरोप लगाती हैं. युवती ने कहा कि जब राज्य के सबसे बडे़ पुलिस अधिकारी ऐसा कहें, तो फिर उसकी शिकायत सुनेगा कौन. बता दें कि कुछ दिन पहले ही एक युवती ने एसटीएफ के डीएसपी अमन कुमार पर यौन शोषण का आरोप लगाया था.
पीड़िता ने मुख्यमंत्री के सामने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि वह 5 महीनों से इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है. लेकिन शिकायत सुनने के बावजूद आरोपी डीएसपी के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही. वहीं, पीड़िता की शिकायत सुनते ही मुख्यमंत्री ने फिर से उसे डीजीपी के ही पास भेज दिया.
वहीं, एक पीड़िता ने बिहार पुलिस के दारोगा पर गंभीर आरोप लगाया और कहा कि उसने शादी का झांसा देकर गलत काम किया. अब आरोपी दारोगा उसे जान से मारने की धमकी भी दे रहा है. पीड़िता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बताया कि जिसने मेरे साथ ऐसा किया, वो एक दारोगा है. मेरी मेडिकल रिपोर्ट खराब की गई है और पुलिस की ओर से बचाया जा रहा है.
पहले शादी का झांसा देकर दारोगा ने यौन शोषण किया और अब वो आरोपी एसआई जान से मारने की भी धमकी दे रहा है. आरोपी किसी जमीन विवाद में यह केस का आईओ (जांच अधिकारी) भी था. मुख्यमंत्री ने तत्काल पीड़िता को बिहार के डीजीपी एसके सिंघल के पास भेज दिया.
उधर, जनता दरबार में जद विधायक की शिकायत लेकर पीड़ित महिला पहुंची. वाल्मीकिनगर से आई पीडित महिला का आरोप था कि जदयू विधायक रिंकू सिंह ने उनके पति की हत्या करवा दी. फऱवरी महीने में ही उनके पति की हत्या हुई थी. इस मामले में स्थानीय विधायक रिंकू सिंह को आरोपित किया गया था. लेकिन पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की.
इस शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने फिर से पीड़ित महिला को डीजीपी के पास भेज दिया. वहीं, एक महिला मुखिया का कहना था कि उनके पति की हत्या कर दी गई. थानेदार आरोपी को खुल्लमखुल्ला बचा रहा है. अभियुक्त की गिरफ्तारी भी हुई और 17 दिनों में बेल मिल गया. अब वह शख्स धमकी दे रहा है. इस मुख्यमंत्री ने महिला मुखिया को डीजीपी के पास भेज दिया. इसतरह के कई मामले मुख्यमंत्री के सामने आये. लेकिन मुख्यमंत्री ने सबको डीजीपी के पास ही भेज दिया.