Chandigarh Mayor elections: सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, 'रिटर्निंग अफसर ने जो किया वो लोकतंत्र की हत्या जैसा'
By धीरज मिश्रा | Updated: February 5, 2024 17:38 IST2024-02-05T17:17:58+5:302024-02-05T17:38:55+5:30
Chandigarh Mayor elections: सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने रिटर्निंग अफसर कड़ी फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ टिप्पणी करते हुए कहा कि रिटर्निंग अफसर ने जो किया वो लोकतंत्र की हत्या जैसा।

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Chandigarh Mayor elections: सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने रिटर्निंग अफसर कड़ी फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ टिप्पणी करते हुए कहा कि रिटर्निंग अफसर ने जो किया वो लोकतंत्र की हत्या जैसा।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि वो कैमरे में देख रहा है और बैलेट पेपर को खराब कर रहा है। इस अफसर पर कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। हम लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के सारे रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने के आदेश दिए। मालूम हो कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट ने रिटर्निंग अफसर को फटकार लगाते हुए टिप्पणी की। कोर्ट ने पूछा क्या वह इसी तरह से चुनाव कराते हैं।
बताते चले कि चंडीगढ़ का मेयर चुनाव 30 जनवरी को हुआ था। इस चुनाव को भाजपा के उम्मीदवार ने जीत हासिल की। हालांकि, आप-कांग्रेस के द्वारा यह आरोप लगाया गया कि भाजपा को जीताने के लिए अफसर ने धांधली की। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल भी हुआ। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालाय पर जोरदार प्रदर्शन भी किया।
केजरीवाल ने भाजपा पर धांधली कराने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने कहा कि जब यह एक छोटे से चुनाव को जीतने के लिए धांधली कर सकते हैं तो अभी तो लोकसभा का चुनाव होना बाकी है। यह लोग धांधली करके ही चुनाव जीत सकते हैं। हालांकि, पूरा मामला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा। मगर हाईकोर्ट ने कोई राहत नहीं दी। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग अफसर को कड़ी फटकार लगाई है।
यहां बताते चले कि चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर की जीत हुई। मनोज को 16 वोट मिले। कांग्रेस-आप के उम्मीदवार कुलदीप टीटा को 12 वोट मिले। जब मेयर चुनाव के नतीजे आए तो इससे सदन के बाहर भी हंगामा हुआ और सदन के अंदर भी विवाद हुआ। चुनाव प्रक्रिया के दौरान के जो वीडियो सामने आए हैं, उनमें देखा जा सकता है कि पीठासीन अधिकारी मतपत्रों पर हस्ताक्षर करते या कुछ लिखते हुए दिखते हैं।