चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने की सवाल उठाने वाले चार जजों से चर्चा, कल भी हो सकती है मुलाकात
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 16, 2018 02:50 PM2018-01-16T14:50:55+5:302018-01-16T15:15:19+5:30
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर मनमानी करने का आरोप लगाया था।
देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने मगंलवार (16 जनवरी) को सु्प्रीम कोर्ट के कामकाज पर सवाल उठाने वाले चार जजों जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस कूरियन जोसेफ से मुलाकात की। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस दीपक मिश्रा इन चार जजों से बुधवार (17 जनवरी) को भी मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि ये साफ नहीं है कि सभी न्यायधीशों ने किस मुद्दे पर चर्चा की।
इन चारों न्यायाधीशों ने शुक्रवार को मीडिया के सामने आकर मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के कामकाज पर सवाल उठाए थे। इन न्यायाधीशों ने सात पन्नों का एक पत्र मीडिया को जारी किया था। इस पत्र में सर्वोच्च न्यायालय में विभिन्न मुकदमों को वरिष्ठता की अनदेखी करके मनमाने तरीके से जूनियर जजों की पीठ को देने का आरोप लगाया था। इन जजों ने न्यायाधीशों के खिलाफ महाभियोग चलाने की वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार करने की भी अपील की थी। जस्टिस गोगोई ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में इशारों में कहा था कि ये विवाद सीबीआई की विशेष अदालत के जज बीएच लोया की मौत की जांच से जुड़ी पीआईएल से जुड़ा है। जज लोया की दिसंबर 2014 में मौत हो गयी थी। मृत्यु के समय जज लोया सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ से जुड़े मामले की सुनवाई कर रहे थे। शेख के मामले में बीजेपी के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी आरोपी थे।
हाल ही में द कारवां पत्रिका ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसमें जज लोया की मौत पर सवाल उठाया गया। पत्रिका ने जज लोया के परिजनों के हवाले से रिपोर्ट प्रकाशित की थी। चार जजों के मीडिया के सामने आने के बाद जब ये मुद्दा दोबारा उठा तो जज लोया के बेटे ने मीडिया से कहा कि उनके पिता की मृत्यु को लेकर उन्हें कोई संदेह नहीं और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। मंगलवार (16 जनवरी) को ही सुप्रीम कोर्ट ने जज लोया की मौत की जाँच से जुड़ी पीआईएल पर सुनवाई स्थगित कर दी और इसके लिए अगली तारीख भी अभी नहीं दी गयी है।
सोमवार को चीफ जस्टिस पर सवाल उठाने वाले सभी जज काम पर लौटे। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सात संवेदनशील मामलों की सुनवाई कर रही संविधान पीठ के न्यायाधीशों की घोषणा की तो किसी भी पीठ में इन चार जजों के नाम नहीं थे। मंगलवार को एटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों से बातचीत जारी है और ये संकट जल्द सुलझा लिया जाएगा।