प्रधान न्यायाधीश ने कोविड-19 स्थिति को लेकर वरिष्ठ न्यायाधीशों के साथ परामर्श किया
By भाषा | Published: April 24, 2021 09:51 PM2021-04-24T21:51:38+5:302021-04-24T21:51:38+5:30
नयी दिल्ली, 24 अप्रैल भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वेंकट रमण ने शनिवार को न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में शपथ लेने के बाद वर्तमान कोविड-19 स्थिति के मद्देनजर कामकाज की समीक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय के छह वरिष्ठ न्यायाधीशों के साथ परामर्श किया।
सूत्रों ने पीटीआई-भाषा को बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा यहां एक संक्षिप्त समारोह में शपथ दिलाये जाने के बाद 48 वें प्रधान न्यायाधीश शनिवार को उच्चतम न्यायालय परिसर गए। उन्होंने शनिवार को अदालत की छुट्टी वाले दिन बैठक की और महामारी के फिर से उभरने के मद्देनजर शीर्ष अदालत के कामकाज पर चर्चा की।
सीजेआई के अलावा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति यू यू ललित, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव ने बैठक में हिस्सा लिया।
सूत्रों ने बताया कि सात वरिष्ठ न्यायाधीश फिर से बैठक करेंगे।
शीर्ष अदालत देशव्यापी लॉकडाउन के चलते 25 मार्च से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालतों का संचालन कर रही है और प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के बाद भी उसने आनलाइन माध्यम से सुनवाई जारी रखने का फैसला किया है।
सीजेआई के रूप में शपथ लेने के लिए राष्ट्रपति भवन जाने से पहले न्यायमूर्ति रमण ने तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के पुजारियों और आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम मंदिर के पुजारियों से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया।
बाद में दिन में वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ शीर्ष अदालत के परिसर स्थित सीजेआई कार्यालय गए और फिर न्यायाधीशों के साथ परामर्श किया।
आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पोन्नवरम गांव के एक किसान परिवार से आने वाले, मृदुभाषी न्यायमूर्ति रमण का कार्यकाल 16 महीने से कुछ अधिक का होगा। उनका कार्यकाल अगले वर्ष 26 अगस्त को समाप्त होगा।
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