23 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई, कौन लेगा जगह?, दौड़ में सबसे आगे ये न्यायमूर्ति
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 23, 2025 18:21 IST2025-10-23T18:21:13+5:302025-10-23T18:21:58+5:30
उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति, स्थानांतरण एवं पदोन्नति के नियम निर्धारित करने वाले दस्तावेजों में कहा गया है कि भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद पर शीर्ष अदालत के वरिष्ठतम न्यायाधीश की नियुक्ति होनी चाहिए, जिन्हें पद धारण करने के लिए उपयुक्त समझा जाए।

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नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया बृहस्पतिवार को शुरू कर दी। सूत्रों ने यह जानकारी दी। वर्तमान प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया से वाकिफ लोगों ने बताया कि न्यायमूर्ति गवई को उनके उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने के लिए कहने से संबंधित पत्र बृहस्पतिवार शाम या शुक्रवार तक मिल जाएगा। प्रक्रिया ज्ञापन के मुताबिक, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति, स्थानांतरण एवं पदोन्नति के नियम निर्धारित करने वाले दस्तावेजों में कहा गया है कि भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद पर शीर्ष अदालत के वरिष्ठतम न्यायाधीश की नियुक्ति होनी चाहिए, जिन्हें पद धारण करने के लिए उपयुक्त समझा जाए।
प्रक्रिया ज्ञापन के अनुसार, केंद्रीय कानून मंत्री भारत के प्रधान न्यायाधीश से उनके उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए “उचित समय पर” सिफारिश मांगेंगे। परंपरागत रूप से, सिफारिश मांगने संबंधी पत्र प्रधान न्यायाधीश के 65 साल की आयु होने पर सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले भेजा जाता है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत न्यायमूर्ति गवई के बाद उच्चतम न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और भारतीय न्यायपालिका के अगले प्रमुख बनने की कतार में पहले पायदान पर हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की नियुक्ति को मंजूरी मिलती है तो वह 24 नवंबर को प्रधान न्यायाधीश का कार्यभार ग्रहण करेंगे और नौ फरवरी 2027 तक लगभग 15 महीने के लिए इस पद पर रहेंगे।