छत्तीसगढ़ सरकार अब खरीदेगी गोमूत्र, एक लीटर पर कम से कम मिलेंगे चार रुपये, गोधन न्याय योजना के तहत होगी शुरुआत

By विनीत कुमार | Updated: July 19, 2022 08:15 IST2022-07-19T08:06:23+5:302022-07-19T08:15:43+5:30

छत्तीसगढ़ सरकार 'गोधन न्याय योजना' के तहत अब गोमूत्र की भी खरीद करेगी। इसकी शुरुआत 28 जुलाई को स्थानीय 'हरेली' त्योहार से की जाएगी।

Chhattisgarh government will procure cow urine at minimus Rs 4 per litre under Godhan Nyay scheme | छत्तीसगढ़ सरकार अब खरीदेगी गोमूत्र, एक लीटर पर कम से कम मिलेंगे चार रुपये, गोधन न्याय योजना के तहत होगी शुरुआत

छत्तीसगढ़ सरकार अब खरीदेगी गोमूत्र (फाइल फोटो)

Highlightsछत्तीसगढ़ सरकार 'गोधन न्याय योजना' के तहत अब गोमूत्र की खरीद शुरू करेगी।28 जुलाई को स्थानीय 'हरेली' त्योहार से न्यूनतम 4 रुपये प्रति लीटर की दर से गोमूत्र की खरीद करेगी।दो साल पहले 20 जुलाई 2020 को राज्य में हरेली पर्व के दिन से ही गोधन न्याय योजना की हुई थी शुरुआत।

रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार 'गोधन न्याय योजना' के तहत 28 जुलाई को स्थानीय 'हरेली' त्योहार से 4 रुपये प्रति लीटर की दर से गोमूत्र की खरीद शुरू करेगी। गोधन न्याय योजना की शुरुआत दो साल पहले की गई थी। इस योजना के तहत गाय के गोबर की खरीद भी शामिल है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि योजना की शुरुआत पशुपालकों, जैविक किसानों को आय प्रदान करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।

बहरहाल, गोमूत्र खरीद के प्रथम चरण में प्रत्येक जिले के दो चयनित स्वावलंबी गौथानों से गोमूत्र की खरीद की जाएगी। गौथान प्रबंधन समिति पशुपालक से गोमूत्र खरीदने के लिए स्थानीय स्तर पर रेट तय कर सकेगी। राज्य में गोमूत्र की खरीद के लिए न्यूनतम 4 रुपये प्रति लीटर की राशि प्रस्तावित की गई है।

गोमूत्र से लिक्विड फर्टीलाइजर एवं कीट नियंत्रक उत्पाद होंगे तैयार

गोधन न्याय मिशन के प्रबंध निदेशक डॉ. अय्याज तंबोली ने सभी कलेक्टरों को गौथानों में गोमूत्र की खरीद के लिए आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश भी दे दिए हैं। तंबोली ने कहा, 'गोधन न्याय योजना के तहत अपने बैंक खातों में उपलब्ध प्राप्तियां, चक्रीय निधि ब्याज की राशि से गौथान प्रबंधन समिति गोमूत्र की खरीद करेगी।'

अधिकारियों ने बताया कि खरीदे गए गोमूत्र से महिला स्व-सहायता समूह की मदद से लिक्विड फर्टीलाइजर एवं कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाएंगे। चयनित समूहों को पशु चिकित्सा विभाग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

दो साल पहले गोबर की खरीद की हुई थी शुरुआत

बता दें कि दो साल पहले 20 जुलाई 2020 को राज्य में हरेली पर्व के दिन से ही गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी की शुरुआत हुई थी। अधिकारियों के अनुसार गोबर से गोथानों में अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट और सुपर प्लस कम्पोस्ट महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित किए जा चुके हैं, जिसके चलते राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। 

अधिकारियों के मुताबिक गोधन न्याय योजना राज्य के ग्रामीण अंचल में बेहद लोकप्रिय योजना साबित हुई है। इस योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों से लगभग दो सालों में 150 करोड़ रुपये से अधिक की गोबर खरीदी की गई है, जिसका सीधा फायदा ग्रामीण पशुपालकों को मिला है। 

Web Title: Chhattisgarh government will procure cow urine at minimus Rs 4 per litre under Godhan Nyay scheme

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