नगरनार इस्पात संयंत्र के विनिवेश की स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार ने जताई खरीदने पर सहमति

By भाषा | Updated: December 29, 2020 00:31 IST2020-12-29T00:31:07+5:302020-12-29T00:31:07+5:30

Chhattisgarh government agreed to buy in case of disinvestment of Nagarnar Steel Plant | नगरनार इस्पात संयंत्र के विनिवेश की स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार ने जताई खरीदने पर सहमति

नगरनार इस्पात संयंत्र के विनिवेश की स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार ने जताई खरीदने पर सहमति

रायपुर, 28 दिसंबर छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया कि यदि बस्तर जिले में लगने वाले राष्ट्रीय खनिज विकास निगम के इस्पात संयंत्र का विनिवेश किया जाता है तब इसे छत्तीसगढ़ सरकार खरीदने के लिए सहमत है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को राज्य के संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने शासकीय संकल्प प्रस्तुत किया कि भारत सरकार के उपक्रम एनएमडीसी द्वारा स्थापनाधीन नगरनार इस्पात संयंत्र का केंद्र सरकार द्वारा रणनीतिक विनिवेश के नाम पर प्रस्तावित निजीकरण की प्रक्रिया को निरस्त किया जाए।

सदन में हुई चर्चा के बाद संकल्प में संशोधन किया गया कि विनिवेश होने की स्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार संयंत्र को खरीदने में सहमत है। इसके बाद संकल्प को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

संकल्प प्रस्तुत करने के दौरान मंत्री चौबे ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात संयंत्र के लिए नगरनार गांव में भूमि का अधिग्रहण किया गया था तब क्षेत्र के लोगों ने इस उम्मीद के साथ अपनी सहमति दी थी कि क्षेत्र में अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होगा। हालांकि यह जानने के बाद कि संयंत्र का निजीकरण हो जाएगा, स्थानीय आदिवासियों में गुस्सा है।

चौबे ने कहा कि नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण होने से क्षेत्र के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को गहरा धक्का लगेगा। राज्य सरकार अपने प्रयासों से बस्तर के एक कोने तक नक्सल गतिविधियों को सीमित करने में सफल रही है।

उन्होंने कहा कि नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण से क्षेत्र में तनाव बढ़ेगा और केंद्र और राज्य सरकार के लिए इसका सामना करना कठिन होगा।

चर्चा में भाग लेते हुए मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के विधायक अजय चंद्राकर तथा अन्य विधायकों ने कहा कि राज्य सरकार को संयंत्र को खरीदने के लिए आगे आना चाहिए।

चर्चा के अंत में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि केंद्र के आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने वर्ष 2016 में नगरनार इस्पात संयंत्र के विनिवेश को मंजूरी दी थी। जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था कि अगर विनिवेश किया गया तब नक्सल गतिविधियों को नियंत्रित करना मुश्किल होगा।

भाजपा पर निशाना साधते हुए बघेल ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल के दौरान जो सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी घाटे में चल रही थीं, उनका विनिवेश किया गया था। जबकि केंद्र में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार उस संयंत्र का विनिवेश कर रही है जिसे अभी तक प्रारंभ ही नहीं किया गया है।

बघेल ने कहा कि यदि नगरनार इस्पात संयंत्र का विनिवेश किया जाता है तब उनकी सरकार संयंत्र को खरीदने के लिए तैयार है। क्या भारतीय जनता पार्टी इस प्रस्ताव का समर्थन करती है?

तब विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक और भाजपा के अन्य विधायकों ने कहा कि यदि सरकार संकल्प की भाषा को संशोधित रूप में प्रस्तुत करती है तब इस संकल्प का वह समर्थन करेंगे।

चर्चा के बाद सदन ने संशोधित संकल्प 'यह सदन केंद्र सरकार से अनुरोध करता है कि भारत सरकार के उपक्रम एनएमडीसी द्वारा स्थापनाधीन नगरनार इस्पात संयंत्र, जिला बस्तर का केंद्र सरकार द्वारा विनिवेश न किया जाए। विनिवेश होने की स्थिति में छत्तीसगढ़ शासन इसे खरीदने को सहमत है।' को सर्वसम्मति से पारित कर दिया।

बस्तर जिले के नगरनार क्षेत्र में 1980 एकड़ भूमि में स्थापित होने वाले इस्पात संयंत्र की उत्पादन क्षमता तीन मिलियन टन प्रतिवर्ष होगी।

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Web Title: Chhattisgarh government agreed to buy in case of disinvestment of Nagarnar Steel Plant

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