छत्तीसगढ़ मुठभेड़ के बाद 'बंधक' कोबरा कमांडो की तस्वीर नक्सलियों ने की जारी
By विनीत कुमार | Published: April 7, 2021 02:03 PM2021-04-07T14:03:19+5:302021-04-07T14:14:37+5:30
छत्तीसगढ़ एनकाउंटर के बाद नक्सलियों ने बुधवार को एक तस्वीर जारी की है। सीआरपीएफ के अनुसार नक्सलियों की ओर से जारी तस्वीर लापता जवान राकेश्वर सिंह मनहास की है।
छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर पिछले हफ्ते शनिवार को नक्सलियों से मुठभेड़ के बाद लापता कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह मनहास की तस्वीर सामने आई है। नक्सलियों ने दावा किया है कि कमांडो राकेश्वर सिंह उनके कब्जे में है। वहीं, सीआरपीएफ ने पुष्टि की है कि मीडिया में आई तस्वीर लापता जवान की ही है।
नक्सलियों ने बुधवार सुबह राकेश्वर सिंह की तस्वीर जारी की। तस्वीर में राकेश्वर जमीन पर बैठे और ठीक-ठाक हालत में नजर आ रहे हैं। दरअसल, सुकमा के एक स्थानीय पत्रकार ने दावा किया है कि नक्सलियों ने उन्हें ये तस्वीर भेजी है। पत्रकार के अनुसार उन्होंने नक्सलियों ने फोन भी किया था।
A photo released by Naxals has been circulating in media, jawan in the photo is missing CoBRA jawan, appropriate action is being taken: CRPF sources pic.twitter.com/FycWLHnHqz
— ANI (@ANI) April 7, 2021
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए पत्रकार गणेश मिश्रा ने बताया था कि उन्हें नक्सलियों की ओर से दो बार फोन किया गया। गणेश मिश्रा के अनुसार, 'नक्सलियों ने मुझसे कहा कि जवान उनके पास है। उन्होंने कहा कि जवान को गोली लगी थी और उसे मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया है। उसे दो दिनों में छोड़ा जाएगा।'
जवान की रिहाई के लिए सड़क पर उतरा परिवार
दूसरी ओर कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह की रिहाई के लिए उनका परिवार सड़कों पर उतर आया है। परिवार ने सरकार से अपील की है कि जवान को सही- सलामत रिहाई के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
राकेश्वर सिंह पत्नी ने एएनआई से कहा, 'अगर कोई जवान अपनी छुट्टी खत्म होने के एक दिन बाद रिपोर्ट करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होती है। यहां एक जवान 3 अप्रैल से लापता है लेकिन सरकार कदम नहीं उठा रही है। हम चाहते हैं कि सरकार किसी मध्यस्थ को खोजे ताकि उन्हें छुड़ाया जा सके।'
वहीं कुछ स्थानीय लोगों ने जम्मू-अखनूर हाइवे को भी जाम कर दिया। ये लोग जवान की जल्द से जल्द रिहाई की मांग कर रहे थे। राकेश्वर सिंह के परिवार के सदस्य भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। बता दें कि राकेश्वर जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं।
गौरतलब है कि 3 अप्रैल को नक्सलियों से हुए मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए थे और 31 घायल हुए थे। इसमें नक्सलियों को भी काफी नुकसान पहुंचा था लेकिन उसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। इसी मुठभेड़ में टीम का हिस्सा रहे राकेश्वर सिंह तब लापता हो गए थे। इसके बाद से उनके बंधक बनाए जाने की आशंका जताई जा रही थी।
बाद में नक्सलियों ने चिट्ठी लिखकर यह बताया है कि जवान उनके कब्जे में है। नक्सलियों ने साथ ही ये शर्त भी रखी है कि सरकार बातचीत के लिए एक मध्यस्थ नियुक्त करे। इसके बाद जवान को रिहा किया जाएगा।