छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बीजेपी को दी पटखनी, मुख्यमंत्री पद के लिए होगी अब इन पांच दावेदारों में टक्कर

By आदित्य द्विवेदी | Updated: December 11, 2018 16:03 IST2018-12-11T14:53:07+5:302018-12-11T16:03:21+5:30

Next Chief minister in Chhattisgarh: कांग्रेस की एकतरफा जीत के बाद आलाकमान के सामने एक प्रश्न खड़ा है। इन पांच दावेदारों में से किसे बनाया जाए छत्तीसगढ़ का नया मुख्यमंत्री?

Chhattisgarh Election Results: Congress defeat BJP, these 5 leader claim for Chief minister post | छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बीजेपी को दी पटखनी, मुख्यमंत्री पद के लिए होगी अब इन पांच दावेदारों में टक्कर

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बीजेपी को दी पटखनी, मुख्यमंत्री पद के लिए होगी अब इन पांच दावेदारों में टक्कर

Highlightsछत्तीसगढ़ की सत्ता में 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी के संकेतछत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस पार्टी से पांच दावेदार सामने आ रहे हैंकांग्रेस आलाकमान तय करेगा कि कौन बनेगा छत्तीसगढ़ का नया मुख्यमंत्री

छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों के लिए नतीजे कांग्रेस के पूर्ण बहुमत के स्पष्ट संकेत दे रहे हैं। बहुमत के लिए 46 सीटों के लिए जरूरत है लेकिन ताजा रुझानों के मुताबिक कांग्रेस 65 से ज्यादा सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। सत्ताधारी बीजेपी को 21 से भी कम सीटें मिलती दिख रही हैं। अन्य के खाते में चार सीटें जा सकती है। अगर ये ट्रेंड सही साबित होते हैं तो एक यक्ष प्रश्न कांग्रेस पार्टी के सामने मुंह बाए खड़ा है। किसके सिर सजेगा मुख्यमंत्री का ताज?

दावेदारों को इन कसौटियों पर मापेगा कांग्रेस आलाकमान

कांग्रेस के जीतने की स्थिति में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार सामने आ रहे हैं। इन सभी नामों पर पर विचार करने के बाद और हो सकता है कि विधायकों से चर्चा करने के बाद कांग्रेस आलाकमना एक नाम पर फ़ैसला करेगा। दावेदारों को कुछ और कसौटी पर कसा जा सकता हैः-

- लोकसभा के चुनाव सिर्फ़ छह महीने बाद होने वाले हैं इसलिए ज़ाहिर है कि सबसे अधिक वज़न उस नाम को मिलेगा जिससे लोकसभा के चुनाव में राज्य से अधिक से अधिक सीटें आ सकें।

- यह भी देखा ही जाएगा कि नए मुख्यमंत्री की जनता के बीच लोकप्रियता कैसी है, पिछले पांच वर्षों में पार्टी संगठन खड़ा करने में उसकी कैसी भूमिका रही है, आगामी लोकसभा चुनाव में सीटें जितवा सकने की क्षमता कितनी है, सरकार चलाने के लिए आवश्यक प्रशासनिक अनुभव है या नहीं है।

- यह भी विचार हो सकता है कि दावेदार की शिक्षा-दीक्षा कितनी हुई है और ऐसी कौन सी कमज़ोरियां हैं जिससे कि आगे परेशानियां हो सकती हैं।

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छत्तीसगढ़ में इस समय निम्नलिखित दावेदार सामने आ रहे हैं

1. भूपेश बघेल

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष (लगातार दूसरा कार्यकाल), कुर्मी, ओबीसी, चुनाव जीतते हैं तो पांचवीं बार विधानसभा में आएंगे। अविभाजित मध्यप्रदेश में मंत्री रहे, छत्तीसगढ़ में भी मंत्री रहे, पूर्व उपनेता प्रतिपक्ष, कड़े प्रशासक की छवि। पिछले चुनावों में हार के बाद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। स्थानीय निकायों के चुनाव में भारी जीत दर्ज की। सरकार, मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके भ्रष्ट मंत्रियों और अधिकारियों के ख़िलाफ़ खुली लड़ाई लड़ने वाले अकेले नेता की छवि।

उनकी कमजोरी यह है कि उनपर आरोप लगते हैं कि वे सभी को साथ लेकर नहीं चलते हैं। छत्तीसगढ़ के मंत्री राजेश मूणत सेक्स सीडी कांड में नाम। प्रदेश के प्रभारी पीएल पुनिया की कथित सीडी को लेकर भी नाम आया।

2. टीएस सिंहदेव

नेता प्रतिपक्ष, ठाकुर (सामान्य), सरगुजा के राजपरिवार के सदस्य, इस बार जीतते हैं तो तीसरी बार विधानसभा में आएंगे। विनम्र छवि है। घोषणा-पत्र समिति के अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने हर ज़िले में जनसंपर्क किया है और अपनी पहचान बनाने की कोशिश की है।

इनकी कमजोरी यह है कि वर्तमान मुख्यमंत्री रमन सिंह और राजपरिवारों से जुड़े भाजपा के नेताओं से मधुर संबंध। प्रशासनिक अनुभव न होने से प्रभावी होने में संदेह। वे ठाकुर हैं, जिस समुदाय का न तो प्रदेश में प्रभाव है और न ही संख्या बल है।

3. चरण दास महंत

पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी, ओबीसी, पनिका, अविभावित मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल के सदस्य रहे. लंबा प्रशासनिक अनुभव। बहुत पढ़े लिखे हैं। प्रदेश के वरिष्ठतम नेताओं में से एक। कई बार विधानसभा और लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं। पूरे प्रदेश में जनता के बीच पहचान है। राज्य में चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष पद संभालने के बाद काफी सक्रिय हुए। 

उनकी कमजोरी यह है कि लंबे प्रशासनिक अनुभव के बावजूद कोई छवि बनाने में विफल रहे। उद्योगपतियों और कारोबारियों से मित्रता, किसानों के प्रति निरपेक्ष रहने के आरोप। ओबीसी से आने के बावजूद ओबीसी वर्ग में कोई ख़ास लोकप्रियता नहीं।

4. ताम्रध्वज साहू

लोकसभा सदस्य, अध्यक्ष, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी, पिछड़ा वर्ग विभाग, सदस्य, कांग्रेस कार्यसमिति, पूर्व राज्यमंत्री रह चुके हैं। तीन बार विधानसभा के सदस्य रहे और 2014 के लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ से जीतने वाले अकेले सांसद बने। राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़ा वर्ग की ज़िम्मेदारी मिलने के बावजूद ओबीसी के बीच पहचान और सक्रियता सीमित। साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में संगठन का बहुत अच्छा काम किया, जिसकी वजह से साहू समाज के लोकप्रिय नेता ज़रूर हैं।

उनकी कमजोरी यह है कि वो सिर्फ हायर सेकेंड्री पास हैं। उन्होंने ऐन वक्त पर विधानसभा का चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया और अपनी परंपरागत सीट से चुनाव लड़ने की जगह ऐसी जगह से चुनाव लड़ा जहां पहले ही उम्मीदवार की घोषणा हो चुकी थी और बी फ़ॉर्म तक जा चुका था।

5. सत्यनारायण शर्मा

पूर्व मंत्री, ब्राह्मण (सामान्य), इस बार चुनाव जीतते हैं तो सातवीं बार विधानसभा सदस्य बनेंगे। प्रदेश के वरिष्ठतम नेताओं में से एक। एक बार छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष रह चुके हैं। लंबे समय तक अविभाजित मध्यप्रदेश के मंत्री रहे हैं और छत्तीसगढ़ में भी मंत्री रहे हैं। लंबा प्रशासनिक अनुभव है। राष्ट्रीय आवास संघ के अध्यक्ष भी हैं। छत्तीसगढ़ में अच्छी लोकप्रियता रही है। 

उनकी कमजोरी है कि राजनीति पर उम्र का असर दिखने लगा है। अस्वस्थता सक्रियता में बाधक बन रही है। उनके बेटों ने उनकी राजनीति पर विपरीत असर डाला है। भाजपा के ख़िलाफ़ आक्रामक लड़ाई में कोई भूमिका न होना एक बड़ी कमज़ोरी है।

Final Comment: देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्री पद के लिए किसे सबसे उपयुक्त मानता है। राहुल गांधी को यह फैसला सूझ-बूझ के साथ लेना होगा क्योंकि इनमें से किसी भी नेता की बगावत आगामी लोकसभा चुनाव में मुश्किल खड़ी कर सकती है।

English summary :
Chhattisgarh assembly election results for the 90 assembly seats in the state are giving clear indications of the full majority of the Congress. To form government in Chhattisgarh there is a need of 46 assembly seats to prove majority, but according to the latest elections vote counting trends, the Congress is leading in more than 65 seats. The ruling BJP seems to get less than 21 seats. Now the big question is who will be next CM if congress wins in this Vidhan Sabha Chunav 2018.


Web Title: Chhattisgarh Election Results: Congress defeat BJP, these 5 leader claim for Chief minister post

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